देहरादूनः कोरोना संकट के चलते मार्च में नव निर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण नहीं हो पाया था. जिसके बाद पंचायती राज विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया था, लेकिन ऑनलाइन में कनेक्टिविटी की समेत कई दिक्कतें आ रही थी. जिसे देखते हुए अब पंचायती राज विभाग ने दूरदर्शन के जरिए प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. पंचायती राज विभाग ने इसके लिए विशेषज्ञों से एपिसोड भी तैयार करवा लिए हैं. दूरदर्शन से हरी झंडी मिलने पर विभाग इसके प्रसारण की तारीख फाइनल कर देगा.
गौर हो कि उत्तराखंड हरिद्वार को छोड़कर बाकी 12 जिलों में बीते साल अक्टूबर में त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, क्षेत्र और जिला) के चुनाव हुआ था. जिसके बाद दिसंबर में खाली पदों पर भी चुनाव हो गए थे. पंचायतों का गठन होने के बाद नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों का पंचायती राज से संबंधित प्रशिक्षण होना था, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कनेक्टिविटी समेत कई दिक्कतें आ रही थी. जिस कारण नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों प्रशिक्षण नहीं दिया जा सका. अब पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत से जुड़े विषयों की जानकारी दूरदर्शन के माध्यम से दी जाएगी. इसके लिए पंचायती राज एक्ट, अभिलेखों के रखरखाव, स्वच्छता, जीडीपी और गांव के विकास योजनाएं बनाना समेत अन्य बिंदुओं पर विशेषज्ञों से 27-27 मिनट के एपिसोड तैयार कराए गए हैं.
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प्रभारी एवं निदेशक पंचायती राज हरीश चंद्र सेमवाल ने बताया कि ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुखों, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्षों और सदस्यों के दूरदर्शन के जरिए प्रशिक्षण ज्यादा उपयोगी रहेगा. क्योंकि, दूरदर्शन की पहुंच सभी गांवों तक है. पंचायती राज विभाग ने दूरदर्शन केंद्र देहरादून के निदेशक को पत्र भेजकर 15 दिन के लिए रोजाना 3 से साढ़े चार बजे या फिर साढ़े तीन से 5 तक का स्लॉट मांगा है. दूरदर्शन से अनुमति मिलने के बाद प्रशिक्षण की तारीख तय की जाएगी.