देहरादून: उधम सिंह नगर जिले में धान खरीद केंद्र को लेकर हुए टेंडर (Uttarakhand paddy purchase tender case) सवालों के घेरे में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य सहकारी संघ ने निविदा की पहली सूची को निरस्त कर दूसरी सूची जारी की, जिसमें कई राइस मिल के रिश्तेदारों समेत आढ़ती और डिफॉल्टर्स को भी क्रय केंद्र आवंटित कर दिए गए. हालांकि अब इस मामले में कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए जा रहे हैं.
धान खरीद प्रक्रिया पर खड़े हो रहे सवाल: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में धान खरीद केंद्रों (Udham Singh Nagar Paddy Procurement Center) पर परिवहन और हैंडलिंग का काम निविदा के माध्यम से आवंटित तो कर दिया गया, लेकिन इसमें कई अनियमितताएं होने की शिकायतें सामने आई हैं. सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसको लेकर पूर्व में जो निविदा की गई थी उसे कुछ शिकायतें मिलने की बात कहकर रद्द कर दिया गया और इसके लिए नई प्रक्रिया शुरू करते हुए निविदा की गई. बड़ी बात यह है कि इसमें पहली निविदा में चयनित कई लोगों को पहले ही बाहर कर दिया गया. जिसके बाद इस पूरी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े (Udham Singh Nagar Paddy Purchase Tender) होने लगे हैं.
हरजिंदर सिंह ने की शिकायत: आरोप लगाया जा रहा है कि स्थानीय भाजपा नेताओं के दबाव में नियमों के विरुद्ध गलत लोगों को धान खरीद केंद्र का काम आवंटित किया गया. यही नहीं उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के देहरादून स्थित मुख्यालय पर उधम सिंह नगर के लोगों ने आकर इसकी शिकायत भी की और धरने पर भी बैठ गए. उधम सिंह नगर के नानकमत्ता के रहने वाले हरजिंदर सिंह ने इस मामले की शिकायत की है.
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रिश्तेदारों तक को काम आवंटित: उधम सिंह नगर के नानकमत्ता से आए लोगों ने साफ किया कि डिफॉल्टर से लेकर मिल मालिकों के रिश्तेदारों तक को इसका काम आवंटित कर दिया गया है. जिससे किसानों को खासा नुकसान होना तय है. उधर इस मामले पर शिकायत मिलने के बाद उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ की प्रबंध निदेशक (Uttarakhand Cooperative Federation Managing Director) रमिन्द्री मंद्रवाल कहती हैं कि पहले निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसे कुछ शिकायत मिलने के बाद रद्द किया गया और दोबारा इस पर एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर टेंडर आमंत्रित किए गए, जिसके बाद दूसरी सूची जारी की गई थी. हालांकि उन्होंने माना कि उधम सिंह नगर के कई लोग उनसे आकर मिले थे और उन्होंने अपनी शिकायत उनके सामने रखी हैं.
आगे उन्होंने कहा कि ऐसे में इन शिकायतों के आधार पर वह एक कमेटी गठित करने जा रही हैं ताकि धान खरीद केंद्रों में परिवहन और लेबर हैंडलिंग की निविदा को लेकर जो शिकायतें मिल रही है उसकी पारदर्शी रूप में जांच हो सके.