देहरादून: तीरथ सरकार और स्वास्थ्य विभाग भले ही लाख दावा कर रहे हों कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है. देहरादून के कैलाश हॉस्पिटल में देर शाम ऑक्सीजन संकट हो गया था. दरअसल, अस्पताल में करीब 200 कोरोना मरीज भर्ती हैं और मात्र तीन घंटे की ऑक्सीजन बची हुई थी. जिसकी खबर मिलते ही प्रशासन ने एक टैंकर ऑक्सीजन अस्पताल भिजवाया है. जिससे अस्पताल के मरीजों को 6 घंटे तक निर्बाध ऑक्सीजन मिल सकेगी. जिला प्रशासन के मुताबिक रात 11 बजे तक अस्पताल को निर्धारित मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई कर दी जाएगी.
कैलाश अस्पताल से जुड़े पवन शर्मा की मानें तो बुधवार दोपहर तक ऑक्सीजन टैंकर के अस्पताल पहुंचने की संभावना थी. लेकिन देर शाम तक इंतजार करते-करते हिम्मत जवाब देने लगी थी. क्योंकि अस्पताल में अधिकतर मरीज ऑक्सीजन पर ही निर्भर हैं. ऐसे समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने पर हनहोनी हो सकती थी.
वहीं, सीएम तीरथ सिंह रावत ने पूरे मामले में ट्वीट किया है.
समस्या का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राज्य के प्रत्येक अस्पताल में ऑक्सीजन एवं समस्त दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि प्रदेशवासियों को किसी प्रकार की समस्या न हो.
-तीरथ सिंह रावत
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मौजूदा समय में उत्तराखंड के अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत प्रतिदिन तकरीबन 60 से 80 मीट्रिक टन है. राज्य सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन दे रहा उत्तराखंड
उत्तराखंड कोरोना संकट की इस घड़ी में दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है. प्रदेश के 12 प्लांटों में प्रतिदिन कुल 375 मिट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन उत्पादन हो रहा है और उत्तराखंड तकरीबन 272 मिट्रिक टन ऑक्सीजन चारों राज्यों को दे रहा है.