ETV Bharat / state

देश की सभी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में कामकाज ठप, देहरादून में भी कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि सरकार का फैसला देश की सुरक्षा के लिए घातक है. अगर निगमीकरण का फैसला अमल में लाया गया तो लाखों कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
author img

By

Published : Aug 22, 2019, 9:08 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 11:21 PM IST

देहरादून: सेना के लिए गोला-बारूद और हथियार बनाने वाली देशभर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के करीब 83,000 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. देहरादून में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हजारों कर्मचारी भी आंदोलन की राह पर हैं. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्च खोल दिया है.

आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के असैन्य कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियनों ने अब न सिर्फ सड़कों पर आंदोलन करना शुरू कर दिया है, बल्कि केंद्रीय नीतियों की शव यात्रा भी निकाली. निगमीकरण के विरोध में डिफेंस फैक्ट्रियों से जुड़े हजारों कर्मचारियों ने आंदोलन को और उग्र कर दिया है. हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो कर्मचारी आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में कामकाज ठप

पढ़ें- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लिखित परीक्षा में धांधली का मामला आया सामने, जांच शुरू

बता दें की रक्षा सचिव को दिए गए संयुक्त नोटिस के अनुसार ओएफबी के असैन्य कर्मचारियों के तीनों संघों और गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय डीजीक्यूए की इकाइयों ने 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखा था. बीते दो दिनों से कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठे अखिल भारतीय असैन्य कर्मचारी परिसंघ के यूनियनों ने आयुध निर्माण कारखानों के निगमीकरण करने के केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की है.

देहरादून: सेना के लिए गोला-बारूद और हथियार बनाने वाली देशभर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के करीब 83,000 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. देहरादून में स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के हजारों कर्मचारी भी आंदोलन की राह पर हैं. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्च खोल दिया है.

आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के असैन्य कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियनों ने अब न सिर्फ सड़कों पर आंदोलन करना शुरू कर दिया है, बल्कि केंद्रीय नीतियों की शव यात्रा भी निकाली. निगमीकरण के विरोध में डिफेंस फैक्ट्रियों से जुड़े हजारों कर्मचारियों ने आंदोलन को और उग्र कर दिया है. हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो कर्मचारी आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में कामकाज ठप

पढ़ें- अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लिखित परीक्षा में धांधली का मामला आया सामने, जांच शुरू

बता दें की रक्षा सचिव को दिए गए संयुक्त नोटिस के अनुसार ओएफबी के असैन्य कर्मचारियों के तीनों संघों और गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय डीजीक्यूए की इकाइयों ने 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखा था. बीते दो दिनों से कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर बैठे अखिल भारतीय असैन्य कर्मचारी परिसंघ के यूनियनों ने आयुध निर्माण कारखानों के निगमीकरण करने के केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है......uk_deh_03_the_strike_vis_7205803


सेना के लिए हथियार बनाने वाली ऑर्डिनेश फैक्ट्री के हजारो कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई का विगुल बजा दिया हैं। और देश की सुरक्षा के लिए भविष्य में एक बड़ा खतरा बताने वाले ऑर्डिनेश फैक्ट्री कर्मचारियों ने उत्तराखंड में भी अपना विरोध तेज कर दिया हैं। दरअसल निगमीकरण के विरोध में डिफेंस फैक्ट्रियों से जुड़े हजारो कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को और उग्र कर दिया हैं। यही नही अब सीधी लड़ाई का ऐलानकर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। इसके साथ ही कर्मचारियों ने साफ तौर पर दो टूक कहा कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांग नही मानी तो कर्मचारी आत्मदाह, करने के लिए भी मजबूर होगे............ 





Body:आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के असैन्य कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियनों ने अब न सिर्फ सड़को पर आंदोलन शुरू कर दिया हैं, बल्कि केंद्रीय नीतियों की शव यात्रा भी निकाला। आपको बता दे की रक्षा सचिव को दिए गए संयुक्त नोटिस के अनुसार ओएफबी के असैन्य कर्मचारियों के तीनों संघों और गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय डीजीक्यूए की इकाइयों ने 20 अगस्त से 19 सितंबर तक हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखा था। और बीते तीन दिनों से कार्यबहिष्कार कर हड़ताल पर बैठे अखिल भारतीय असैन्य कर्मचारी परिसंघ के यूनियनों ने आयुध निर्माण कारखानों के निगमीकरण करने के केंद्र सरकार के फैसले को वापस लेने की मांग की है। जिसको लेकर देशभर के सभी आयुध फ़ैक्ट्रियो के साथ ही देहरादून की भी दोनो फैक्ट्रियों के करीब दो हजार से ज्यादा कर्मचारी सडको पर उतर आये है।


बाइट - अशोक शर्मा, महामंत्री, एम्प्लॉय यूनियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, देहरादून

बाइट - जगदीश छिमवाल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, ऑल इंडिया एम्प्लॉयस डिफेंस फेडरेशन, देहरादून 


रक्षा मंत्रालय से जुड़ी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारियों की केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी हड़ताल का रूप ले चुकी है। और देशभर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 80 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर चले गए है। इन सभी कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार निगम के नाम पर आयुध निर्माणी फैक्ट्रियों को निजीकरण की तरफ धकेल रही है ऐसे में सरकार का ये कदम देश की सुरक्षा के लिहाज से भी बड़ी चूक हो सकता है। लगभग 200 साल से भी ज्यादा पुरानी इस कंपनी ने समय-समय पर सेना के लिए दिन रात काम किया है। जिसे सरकार व्यवसायीकरण के रूप में निजी हाथो में सौपना चाहती है जिसके लिए सरकार को एक बार जरूर सोच विचार करना चाहिए। साथ ही कर्मचारियों का यह भी कहना है कि जिस तरह के हालात सीमा पर हो रहे हैं ऐसे में अगर हालात बिगड़ते हैं, तो सभी कर्मचारी देश हित मे काम पर लौट जाएंगे, क्योंकि उनके लिए राष्ट्रहित सबसे पहले है। 


देश भर के आयुध निर्माण फैक्ट्रियों की कर्मचारी यूनियन एक साथ खड़ी दिखाई दे रही है, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी महासंघ और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ सहित देहरादून से जुड़ी सभी संबद्ध यूनियनों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गौरतलब है कि देश भर में ओएफबी के 41 कारखाने हैं, जो विभिन्न प्रकार के रक्षा उत्पादन में लगे हुए हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार चाहती है कि डिफेंस फैक्ट्रियों का निगमीकरण कर दिया जाए। मगर डिफेंस फैक्ट्रियों से जुड़े कर्मचारी किसी भी सूरत में इसके लिये तैयार नही है। और अब आरपार की लड़ाई में नज़र आ रहे है।  


अब मामला और भी गम्भीर होता जा रहा है क्योंकि केंद्र सरकार अपने फैसले पर अड़ी है तो वही कर्मचारियों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, और कर्मचारी संगठन भी पीछे हटने को तैयार नही है। तो वही केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन कर रहे कमर्चारी का कहना है कि ये डिफेंस से जुड़ी अस्मिता का सवाल है जिस वजह से  निजीकरण या निगमीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही करेंगे। हालांकि ये वही डिफेंस फैक्ट्रियां है जो सेना के लिये गोला बारूद तैयार करती है, कारगिल युद्ब में भी इन्ही आयुध निर्माणी फ़ैक्ट्रीयो में कर्मचारियों ने दिन-रात काम करके भारतीय सेना के लिये गोला बारूद तैयार किया था। लेकिन आज मोदी सरकार कर्मचारियों की उस मेहनत को भूलकर सभी फ़ैक्ट्रियो का निगमीकरण करने जा रही है।


बाइट - लक्ष्मी,  कर्मचारी
बाइट - प्रदीप कुमार, कर्मचारी 





Conclusion:
Last Updated : Aug 22, 2019, 11:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.