देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विधानसभा वार घोषणाओं की समीक्षा कर रहे हैं. इस दौरान जिलेवार विधानसभाओं में हुई घोषणाओं का न केवल ब्यौरा लिया जा रहा है, बल्कि इन घोषणाओं को जल्द पूरा करने के भी निर्देश दिए जा हैं. हालांकि, समीक्षा बैठक पर अब सवाल विपक्ष की तरफ से उठे हैं. कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों को लेकर भेदभाव के भी आरोप लगाए जा रहे हैं.
प्रदेश में चुनावी वर्ष शुरू होते ही समीक्षा और आम लोगों को लेकर मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी घोषणाओं की भी मॉनिटरिंग होने लगी है. इसी के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों प्रत्येक जिले में विधानसभावार हुई घोषणाओं का लेखा-जोखा अधिकारियों से ले रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस कदम को विपक्षी राजनीतिक मान रहे हैं.
कांग्रेस से जुड़े क्षेत्रों या कांग्रेसी विधायकों की विधानसभाओं पर सरकार की लापरवाही का भी आरोप लगा रहा है. आरोप तो यहां तक है कि कांग्रेसी विधायकों की विधानसभा में मुख्यमंत्री ने न तो घोषणाएं की हैं और ना ही पूर्व में की गई घोषणाओं पर कोई खास तवज्जो दी जा रही है.
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भाजपा ने सभी आरोपों को नकारा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला कहते हैं कि कांग्रेस का काम केवल आरोप लगाना है, जबकि योजनाएं ना तो क्षेत्र को देखकर बनती हैं और ना ही सत्ताधारी या विपक्ष के विधायकों को देखकर. लिहाजा, हर विधानसभा में घोषणा भी की गई हैं और अब उनको पूरा करने के लिए भी सभी विधानसभाओं में हुई घोषणाओं की समीक्षा भी की जा रही है.