देहरादून: उत्तराखंड में होली मिलन कार्यक्रम के बाद धामी सरकार राज्य के बजट की तैयारियों में जुट गई है. गैरसैण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में 13 मार्च से विधानसभा बजट सत्र आहूत किया गया है. धामी सरकार 15 मार्च को बजट पेश करेगी. मुख्य रूप से यह बजट आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसके अलावा राज्य सरकार अवस्थापना विकास, औद्योगिक विकास, खेती के साथ ही पर्यटन पर जोर दे सकती है. सरकार का दावा है कि यह बजट रोजगार केंद्रित और इस बजट में केंद्र की झलक भी देखने को मिलेगी.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले धामी सरकार राज्य का बजट पेश करने जा रही है. धामी सरकार के बजट में विशेषकर रोजगार पर फोकस होगा. इसके साथ ही सरकार की ओर से अवस्थापना विकास, पर्यटन, औद्योगिक विकास, खेती व उद्यानिकी पर ज्यादा जोर दिया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि सरकार का बजट रोजगार केंद्रित होगा. इसके साथ ही राज्य के बजट में केंद्र की झलक देखने को मिलेगी. वहीं माना जा रहा है कि धामी सरकार का बजट सशक्त उत्तराखंड 2025 की दिशा को तय करने वाला होगा. धामी सरकार का दावा है कि जनता के सुझाव पर सरकार बजट तैयार कर रही है. हर वर्ग को इस बजट से लाभान्वित किया जाएगा.
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एक तरफ जहां राज्य सरकार बजट सत्र को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियों में जुटी है वहीं, दूसरी ओर विपक्ष सत्तापक्ष को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति तैयार कर रहा है. कांग्रेस का कहना है कि उसके तरकश में बहुत तीर हैं. बेरोजगारी, महंगाई, बदहाल कानून व्यवस्था, अडानी का मामला समेत अन्य मुद्दों को लेकर सदन के भीतर और बाहर सरकार को घेरा जाएगा. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सत्र की अवधि को बेहद कम रखा है.
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कुल मिलाकर चुनावी साल में उत्तराखंड में एक बार फिर से बजट सत्र पर सियासत शुरू हो गई है. एक तरफ जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर हैं तो दूसरी तरफ सरकार बजट को ऐतिहासिक बनाना चाहती है. सवाल ये है कि जब सरकार सत्र को गैरसैंण में करने के साथ ही जनता के अनुरूप बजट तैयार कर रही है तो ऐसे में विपक्ष आखिर क्यों सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है? क्या धामी सरकार गैरसैंण में हो रहे बजट सत्र से पहाड़ का पानी और जवानी रोक पाने में कामयाब होगी? या फिर आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मात्र लोकलुभावन बजट बनकर रह जाएग?