देहरादून: अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन पिछले 6 दिनों से कार्य बहिष्कार पर है. हालांकि अभी तक देहरादून मंडल में उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन से जुड़े कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर थे तो बुधवार से कर्मचारी यूनियन से जुड़े सभी कर्मचारी प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार पर हैं. इसके चलते प्रदेश की 80 फीसदी बसों का संचालन ठप हो गया है.
कर्मचारियों को परिवहन निगम प्रबंधन ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया है. ऐसे में उम्मीद है कि कर्मचारियों की मांगों पर विचार किया जा सकता है.
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन से करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारी जुड़े हुए हैं, जो कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. लेकिन परिवहन निगम प्रबंधन के साथ कर्मचारियों की होने वाली वार्ता अगर सफल रहती है तो इससे कार्य बहिष्कार पर गए सभी कर्मचारी काम पर लौट जाएंगे. अगर ऐसा नहीं होता है तो सभी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी. इससे लोगों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है.
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि पहले जो नोटिस दिया गया था उसके अनुसार 19 जनवरी से कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे थे. लेकिन प्रबंधन के एक वर्ग ने जानबूझकर हड़ताल को रोकने के लिए यूनियन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों का ट्रांसफर और निष्कासन की कार्रवाई कर दी. जिसके चलते कर्मचारी आक्रोशित हो गए. वह 19 जनवरी के बजाय 8 जनवरी से ही कार्य बहिष्कार पर चले गए. परिवहन निगम प्रबंधन ने बुधवार की शाम को वार्ता के लिए बुलाया है. अगर यह वार्ता सकारात्मक रहती है तो कर्मचारी अपने काम पर लौट जाएंगे अन्यथा वह कार्य बहिष्कार लगातार करते रहेंगे.
पढ़ें: कोटद्वार: सड़क दुर्घटना में बाइक सवार की मौत, एक घायल
अशोक चौधरी ने बताया कि अभी शासन पर परिवहन निगम का 42 करोड़ का बकाया है. साथ ही अतिरिक्त मदों से भी धनराशि इकट्ठा कर कर्मचारियों को वेतन दिया जा सकता है. इन सभी सुझावों को लेकर यूनियन परिवहन निगम प्रबंधन के सम्मुख जाएगी ताकि वह उनकी मांगों को मान लें, जिससे कि बसों का संचालन पहले की तरह शुरू हो जाए.