ऋषिकेश: ग्राम सभा गढ़ी मयचक को खुले में शौच मुक्त करने का दावा खोखला नजर आ रहा है. कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में अभी भी करीब सौ जरूरतमंद परिवार हैं. उनको सरकारी योजना से शौचालय नहीं मिल पाए. कई निर्धन परिवार ऐसे हैं जो आज भी खुले में शौच जाने पर मजबूर हैं. लेकिन ये बेहद चौंकानी वाली बात है गांव में लगा बोर्ड. जिसमें साफ लिखा है कि 2017 में ही गांव खुले में शौच मुक्त हो गया था.
यहां बात हो रही है ऋषिकेश के पास ग्राम सभा गढ़ी मयचक श्यामपुर की. यहां बोक्सा जनजाति के सैकड़ों परिवार ऐसे हैं जिन्होंने पूर्व प्रधान पर आरोप लगाया है कि किसी भी सरकारी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया. ग्रामीण आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. सैकड़ों परिवार ऐसे हैं, जिन्हें सरकारी योजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार का शौचालय नहीं मिला. ये लोग झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं, जो भारी बारिश में अक्सर टपकती है. इन सबके अलावा यहां सबसे बड़ा झूठ जो बोला गया वो ये है कि इस गांव को 2017 में ही खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया.
इस बारे में जब सीडीओ अपूर्वा पांडेय ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि उनके यहां शौचालय नहीं बनवाया गया है. ग्रामीणों की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है. यह भी देखा जाएगा कि आखिर यह गांव छूट कैसे गया और यहां के लोगों को इसका लाभ क्यों नहीं मिला.