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38वें राष्ट्रीय खेल में पहली बार उतरेगी उत्तराखंड महिला रग्बी टीम, कैंप में पसीना बहा रहे खिलाड़ी - NATIONAL GAMES UTTARAKHAND 2025

38वें राष्ट्रीय खेल में इस बार उत्तराखंड महिला रग्बी टीम अपना दम दिखाएगी. 20 महिला खिलाड़ी जमकर प्रैक्टिस कर रही हैं.

NATIONAL GAMES UTTARAKHAND 2025
उत्तराखंड महिला रग्बी टीम (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 23, 2025, 10:09 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 10:13 AM IST

देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड में पहली बार आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. 38वें राष्ट्रीय खेल में करीब 33 खेल खेले जाएंगे. इसी क्रम में पहली बार उत्तराखंड की महिला रग्बी टीम राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने जा रही है. महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में लगाए गए कैंप में 20 महिला खिलाड़ी रोजाना रग्बी खेल की प्रैक्टिस कर रही हैं.

क्या है रग्बी फुटबॉल खेल

रग्बी फ़ुटबॉल, ऐसा टीम खेल है, जिसमें गेंद को प्रतिद्वंद्वी की ट्राई लाइन के पीछे पहुंचाना होता है. इसे रग्बी या रग्गर के नाम से भी जाना जाता है. रग्बी फ़ुटबॉल इंग्लैंड के रग्बी स्कूल में खेली जाने वाली फ़ुटबॉल की शैली से विकसित हुआ था.

38वें राष्ट्रीय खेल में पहली बार उतरेगी उत्तराखंड महिला रग्बी टीम (video-ETV Bharat)

सेफ्टी के साथ प्रैक्टिस कर रही महिला खिलाड़ी

रग्बी खिलाड़ी जसविंदर कौर ने बताया कि सभी महिला खिलाड़ी पूरी सेफ्टी के साथ प्रैक्टिस कर रही हैं, ताकि मैच से पहले किसी को कोई इंजरी ना हो. उनको उनके परिवार से पूरा सपोर्ट मिल रहा है. उन्होंने कहा कि 4 महीने पहले उनको चोट लगी थी, तब पापा ने चोट की वजह से खेल से पीछे नहीं हटने की बात कही थी. हालांकि, शुरुआती दौर में पापा डर रहे थे कि अगर खेल के दौरान चोट लग गई, तो शादी में परेशानी आ सकती है.

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उत्तराखंड की रग्बी खिलाड़ी (PHOTO- ETV BHARAT)

इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं महक चौहान

रग्बी खिलाड़ी महक चौहान ने बताया कि उन्हें पहले रग्बी खेल के बारे में जानकारी नहीं थी, जब वो नेशनल लेवल की एथलीट थी, तब उन्हें किसी ने रग्बी खेल के बारे में बताया था, जिसके चलते वो ट्रायल देने के लिए रुड़की चली गई. उनके बेहतर प्रदर्शन की वजह से कोच ने उनको नेशनल के लिए सिलेक्ट किया. उन्होंने कहा कि वो मलेशिया में इंटरनेशनल मैच खेल कर आई हैं. अब 38वें राष्ट्रीय खेल पर उनका फोकस है.

खिलाड़ी मीरा उनियाल को परिवार का मिल रहा पूरा सपोर्ट

रग्बी खिलाड़ी मीरा उनियाल ने कहा कि पहले वह कबड्डी और सौ मीटर रेस खेलती थी, लेकिन उन्हें रग्बी गेम थोड़ा अलग लगा, क्योंकि रग्बी में टैकल भी मारने हैं और उसमें स्पीड भी चाहिए, जिसके चलते उन्होंने रग्बी खेल खेलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि परिवार को रग्बी खेल के बारे में जानकारी ना होने से उन्हें काफी दिक्कतें हुईं, लेकिन धीरे-धीरे परिजनों को खेल के बारे में जानकारी दी गई, जिससे अब उन्हें परिवार का पूरा समर्थन मिल रहा है.

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शिवानी पाल साथी खिलाड़ी के साथ (PHOTO- ETV BHARAT)

रग्बी खेल से शिवानी पाल ने की थी खेल करियर की शुरुआत

रग्बी खिलाड़ी शिवानी पाल ने बताया कि रग्बी खेल से ही उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत की है. उन्होंने साउथ मूवी में रग्बी की बॉल देखी थी. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी एक फ्रेंड की ओर से लगाए गए स्टेटस को देखा, जिसमें रग्बी खेल की ही बॉल थी, जिसके चलते उन्होंने अपनी फ्रेंड से बातचीत की, तो दोस्त ने बताया कि रग्बी की प्रैक्टस रुड़की में होती है. इसके बाद उन्होंने रग्बी खेल ज्वाइन कर लिया. उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर से ही कैंप लगा हुआ है,जिसमें सभी रग्बी खिलाड़ी लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय खेल में वो अपने राज्य के लिए मेडल जीते.

उत्तराखंड की टीम दूसरी टीम को देगी तगड़ा कंपटीशन

उत्तराखंड रग्बी एसोसिएशन के सचिव व महिला टीम के मुख्य कोच यशवंत सिंह ने कहा कि इंजरी प्रीवेंशन पर विशेष ध्यान दिया जाता है. फिलहाल खिलाड़ियों को तीन टाइम की प्रैक्टिस दी जा रही है, जिसमें फिटनेस और स्किल्स शामिल है. साथ ही कुछ महिला खिलाड़ी ऐसी भी हैं, जिन्होंने इंडिया टीम को रिप्रेजेंट किया था , अब वो उत्तराखंड टीम से खेल रही हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल के दौरान उत्तराखंड की टीम दूसरी टीम को बहुत अच्छा कंपटीशन देने वाली हैं. ऐसे में इस बार उत्तराखंड रग्बी महिला टीम मेडल जीतने को तैयार हैं.

चार कोच खिलाड़ियों को दे रहे ट्रेनिंग

मुख्य कोच यशवंत सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में अनऑफिशियल रग्बी गेम की शुरुआत 2016 में हुई थी. इसके बाद से ही पुरुष टीम उत्तराखंड को रिप्रेजेंट कर रही थी, लेकिन साल 2021 में उत्तराखंड रग्बी संगठन रजिस्टर्ड हुआ और फिर महिला रग्बी टीम ने भी नेशनल में प्रतिभाग करना शुरू किया और पहली बार में ही महिला रग्बी टीम की रैंकिंग टॉप 10 में रही. उन्होंने बताया कि आगामी 38वें राष्ट्रीय खेल को देखते हुए खिलाड़ियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है, इसके लिए चार कोच खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से सात खिलाड़ी ऑन फील्ड खेलते हैं और 5 खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट में रहते हैं. इसके अलावा दो खिलाड़ी को बैकअप में रखा जाता है.

असिस्टेंट कोच को गोल्ड मेडल जीतने का विश्वास

असिस्टेंट कोच अनीशा खुराल ने बताया कि महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय गेम में प्रतिभा करने को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है. इन खिलाड़ियों में काफी अधिक जोश और पोटेंशियल है. फिलहाल जो कैंप लगाया गया है, उनमें तीन टाइम की प्रैक्टिस चल रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है, बल्कि पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय खेल में उत्तराखंड की महिला रग्बी टीम फर्स्ट आ रही है.

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देहरादून (रोहित सोनी): उत्तराखंड में पहली बार आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. 38वें राष्ट्रीय खेल में करीब 33 खेल खेले जाएंगे. इसी क्रम में पहली बार उत्तराखंड की महिला रग्बी टीम राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने जा रही है. महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में लगाए गए कैंप में 20 महिला खिलाड़ी रोजाना रग्बी खेल की प्रैक्टिस कर रही हैं.

क्या है रग्बी फुटबॉल खेल

रग्बी फ़ुटबॉल, ऐसा टीम खेल है, जिसमें गेंद को प्रतिद्वंद्वी की ट्राई लाइन के पीछे पहुंचाना होता है. इसे रग्बी या रग्गर के नाम से भी जाना जाता है. रग्बी फ़ुटबॉल इंग्लैंड के रग्बी स्कूल में खेली जाने वाली फ़ुटबॉल की शैली से विकसित हुआ था.

38वें राष्ट्रीय खेल में पहली बार उतरेगी उत्तराखंड महिला रग्बी टीम (video-ETV Bharat)

सेफ्टी के साथ प्रैक्टिस कर रही महिला खिलाड़ी

रग्बी खिलाड़ी जसविंदर कौर ने बताया कि सभी महिला खिलाड़ी पूरी सेफ्टी के साथ प्रैक्टिस कर रही हैं, ताकि मैच से पहले किसी को कोई इंजरी ना हो. उनको उनके परिवार से पूरा सपोर्ट मिल रहा है. उन्होंने कहा कि 4 महीने पहले उनको चोट लगी थी, तब पापा ने चोट की वजह से खेल से पीछे नहीं हटने की बात कही थी. हालांकि, शुरुआती दौर में पापा डर रहे थे कि अगर खेल के दौरान चोट लग गई, तो शादी में परेशानी आ सकती है.

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उत्तराखंड की रग्बी खिलाड़ी (PHOTO- ETV BHARAT)

इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं महक चौहान

रग्बी खिलाड़ी महक चौहान ने बताया कि उन्हें पहले रग्बी खेल के बारे में जानकारी नहीं थी, जब वो नेशनल लेवल की एथलीट थी, तब उन्हें किसी ने रग्बी खेल के बारे में बताया था, जिसके चलते वो ट्रायल देने के लिए रुड़की चली गई. उनके बेहतर प्रदर्शन की वजह से कोच ने उनको नेशनल के लिए सिलेक्ट किया. उन्होंने कहा कि वो मलेशिया में इंटरनेशनल मैच खेल कर आई हैं. अब 38वें राष्ट्रीय खेल पर उनका फोकस है.

खिलाड़ी मीरा उनियाल को परिवार का मिल रहा पूरा सपोर्ट

रग्बी खिलाड़ी मीरा उनियाल ने कहा कि पहले वह कबड्डी और सौ मीटर रेस खेलती थी, लेकिन उन्हें रग्बी गेम थोड़ा अलग लगा, क्योंकि रग्बी में टैकल भी मारने हैं और उसमें स्पीड भी चाहिए, जिसके चलते उन्होंने रग्बी खेल खेलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि परिवार को रग्बी खेल के बारे में जानकारी ना होने से उन्हें काफी दिक्कतें हुईं, लेकिन धीरे-धीरे परिजनों को खेल के बारे में जानकारी दी गई, जिससे अब उन्हें परिवार का पूरा समर्थन मिल रहा है.

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शिवानी पाल साथी खिलाड़ी के साथ (PHOTO- ETV BHARAT)

रग्बी खेल से शिवानी पाल ने की थी खेल करियर की शुरुआत

रग्बी खिलाड़ी शिवानी पाल ने बताया कि रग्बी खेल से ही उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत की है. उन्होंने साउथ मूवी में रग्बी की बॉल देखी थी. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर उनकी एक फ्रेंड की ओर से लगाए गए स्टेटस को देखा, जिसमें रग्बी खेल की ही बॉल थी, जिसके चलते उन्होंने अपनी फ्रेंड से बातचीत की, तो दोस्त ने बताया कि रग्बी की प्रैक्टस रुड़की में होती है. इसके बाद उन्होंने रग्बी खेल ज्वाइन कर लिया. उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर से ही कैंप लगा हुआ है,जिसमें सभी रग्बी खिलाड़ी लगातार प्रैक्टिस कर रहे हैं. उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय खेल में वो अपने राज्य के लिए मेडल जीते.

उत्तराखंड की टीम दूसरी टीम को देगी तगड़ा कंपटीशन

उत्तराखंड रग्बी एसोसिएशन के सचिव व महिला टीम के मुख्य कोच यशवंत सिंह ने कहा कि इंजरी प्रीवेंशन पर विशेष ध्यान दिया जाता है. फिलहाल खिलाड़ियों को तीन टाइम की प्रैक्टिस दी जा रही है, जिसमें फिटनेस और स्किल्स शामिल है. साथ ही कुछ महिला खिलाड़ी ऐसी भी हैं, जिन्होंने इंडिया टीम को रिप्रेजेंट किया था , अब वो उत्तराखंड टीम से खेल रही हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल के दौरान उत्तराखंड की टीम दूसरी टीम को बहुत अच्छा कंपटीशन देने वाली हैं. ऐसे में इस बार उत्तराखंड रग्बी महिला टीम मेडल जीतने को तैयार हैं.

चार कोच खिलाड़ियों को दे रहे ट्रेनिंग

मुख्य कोच यशवंत सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में अनऑफिशियल रग्बी गेम की शुरुआत 2016 में हुई थी. इसके बाद से ही पुरुष टीम उत्तराखंड को रिप्रेजेंट कर रही थी, लेकिन साल 2021 में उत्तराखंड रग्बी संगठन रजिस्टर्ड हुआ और फिर महिला रग्बी टीम ने भी नेशनल में प्रतिभाग करना शुरू किया और पहली बार में ही महिला रग्बी टीम की रैंकिंग टॉप 10 में रही. उन्होंने बताया कि आगामी 38वें राष्ट्रीय खेल को देखते हुए खिलाड़ियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है, इसके लिए चार कोच खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. टीम में कुल 12 खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से सात खिलाड़ी ऑन फील्ड खेलते हैं और 5 खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट में रहते हैं. इसके अलावा दो खिलाड़ी को बैकअप में रखा जाता है.

असिस्टेंट कोच को गोल्ड मेडल जीतने का विश्वास

असिस्टेंट कोच अनीशा खुराल ने बताया कि महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय गेम में प्रतिभा करने को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है. इन खिलाड़ियों में काफी अधिक जोश और पोटेंशियल है. फिलहाल जो कैंप लगाया गया है, उनमें तीन टाइम की प्रैक्टिस चल रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है, बल्कि पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय खेल में उत्तराखंड की महिला रग्बी टीम फर्स्ट आ रही है.

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Last Updated : Jan 24, 2025, 10:13 AM IST
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