देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच चारधाम यात्रा पर 30 जून तक ब्रेक लग गया है. चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक 30 जून तक यात्रा टाल दी गई है. हालांकि इस दौरान सिर्फ स्थानीय श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे. इस दौरान जिलाधिकारी रोजाना सीमित संख्या में स्थानीय श्रद्धालुओं के दर्शन करने की अनुमति जारी करेंगे.
उत्तराखंड के चारधाम चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में स्थित हैं. इन जिलों के डीएम की रिपोर्ट पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने निर्णय लिया है कि धाम में सिर्फ स्थानीय श्रद्धालु ही दर्शन-पूजन कर पाएंगे. इसके साथ ही अन्य जिलों या दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन पर रोक रहेगी.
इतने श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
देवस्थानम बोर्ड ने चारधाम में दर्शन-पूजन के लिए स्थानीय लोगों की संख्या को भी निर्धारित किया है. तय की गई संख्या के मुताबिक बदरीनाथ में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर पाएंगे. 30 जून के बाद उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड चारधाम यात्रा को चलाने पर निर्णय लेगा.
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चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों ने चारधाम यात्रा का विरोध किया था. कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के कारण तीर्थ-पुरोहितों ने 30 जून तक यात्रा शुरू नहीं करने की बात कही थी. जिसके बाद चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने संबंधित सभी जिलाधिकारियों को तीर्थ-पुरोहितों और हक-हकूकधारियों से बात करने को कहा था.
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में जिन लोगों की निजी परिसंपत्तियां हैं, उन्हें भी रखरखाव और मरम्मत के लिए जाने की अनुमति होगी. जीएमवीएन के गेस्ट हाउस, मंदिर समिति और निजी परिसंपत्तियों में होटल, लॉज के मरम्मत के लिए जाने की अनुमति दी गई है.
हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का बेहद महत्व है और देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यह यात्रा केवल गर्मियों में होती है और शीतकाल में सभी धामों के कपाट बंद हो जाते हैं. चारधाम को मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है.