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नौकरी का झांसा देकर ग्राफिक डिजाइनर से 10 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी - ग्राफिक डिजायनर से ऑनलाइन ठगी

देहरादून में नौकरी का झांसा देकर ग्राफिक डिजाइनर से 10 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ित के मुताबिक, उसे एक महिला का कॉल आया था. जिसके बाद उसके खाते से पैसे ट्रांसफर हो गए.

नौकरी का झांसा देकर ठगी
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Published : Nov 11, 2019, 1:26 PM IST

देहरादून: कलकत्ता के रहने वाले ग्राफिक डिजाइनर मलिन चंद्र दास शहर में आईटी कंपनी में काम करते हैं. नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे लाखों रुपए की ठगी कर दी गई. पुलिस के मुताबिक, बीते 6 नवंबर को मलिन से साइबर ठगों ने लाखों रुपए ऐंठ लिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.

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कलकत्ता निवासी मलिन चन्द्र दास सहस्रधारा रोड स्थित आईटी कंपनी में कार्यरत हैं. रविवार को मलिन दास ने साइबर सेल को शिकायत दर्ज कराई. बताया कि 6 नवंबर को जॉब रेस्क्यू डॉट कॉम की तरफ से किसी स्वाति नाम की महिला ने फोन किया. फोन पर महिला ने मलिन को नौकरी दिलाने के नाम पर नेटबैंकिंग से 10 लाख रुपए ट्रांसफर कर पंजीकरण करने के लिए कहा. महिला के कहने पर मलिन ने पंजीकरण किया.

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पीड़ित का आरोप है कि कलकत्ता स्थित एसबीआई बैंक एकाउंट में सात लाख और तीन लाख की उसके नाम पर दो एफएडी थी, जो दिसंबर और फरवरी में मैच्योर होने वाली थी. लेकिन 9 नवंबर को उसे अचानक मैसेज आया कि एफडी तोड़ दी गई है. एफडी के पैसे उसके बचत खाते में ट्रांसफर हुए. फिर खाते से पैसे विभिन्न स्थानों पर ट्रांसफर हो गए. इस मामले में मलिन ने बैंक के खिलाफ बिना मर्ज़ी के एफडी तोड़ने की शिकायत की. लेकिन निराशा हाथ लगने पर मलिन ने साइबर सेल को पूरे मामले की तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है. एसटीएफ एसपी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.

देहरादून: कलकत्ता के रहने वाले ग्राफिक डिजाइनर मलिन चंद्र दास शहर में आईटी कंपनी में काम करते हैं. नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे लाखों रुपए की ठगी कर दी गई. पुलिस के मुताबिक, बीते 6 नवंबर को मलिन से साइबर ठगों ने लाखों रुपए ऐंठ लिए. पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.

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कलकत्ता निवासी मलिन चन्द्र दास सहस्रधारा रोड स्थित आईटी कंपनी में कार्यरत हैं. रविवार को मलिन दास ने साइबर सेल को शिकायत दर्ज कराई. बताया कि 6 नवंबर को जॉब रेस्क्यू डॉट कॉम की तरफ से किसी स्वाति नाम की महिला ने फोन किया. फोन पर महिला ने मलिन को नौकरी दिलाने के नाम पर नेटबैंकिंग से 10 लाख रुपए ट्रांसफर कर पंजीकरण करने के लिए कहा. महिला के कहने पर मलिन ने पंजीकरण किया.

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पीड़ित का आरोप है कि कलकत्ता स्थित एसबीआई बैंक एकाउंट में सात लाख और तीन लाख की उसके नाम पर दो एफएडी थी, जो दिसंबर और फरवरी में मैच्योर होने वाली थी. लेकिन 9 नवंबर को उसे अचानक मैसेज आया कि एफडी तोड़ दी गई है. एफडी के पैसे उसके बचत खाते में ट्रांसफर हुए. फिर खाते से पैसे विभिन्न स्थानों पर ट्रांसफर हो गए. इस मामले में मलिन ने बैंक के खिलाफ बिना मर्ज़ी के एफडी तोड़ने की शिकायत की. लेकिन निराशा हाथ लगने पर मलिन ने साइबर सेल को पूरे मामले की तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है. एसटीएफ एसपी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.

Intro:कलकत्ता निवासी ग्राफिक डिजाइनर को नोकरी दिलाने के नाम पर 6 नवंबर को एफएडी तोड़कर साइबर ठगों ने लाखो की ठगी को अंजाम दिया।साइबर क्राइम ने मामले को दर्ज कर कल शाम मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।पीड़ित की दो बैंकों में एफडी चल रही थी और आईटी स्थित नॉलेज पोडियम सिस्टम प्राइवेट कंपनी में एक्सपर्ट ग्राफिक डिजाइनर के पद पर वर्तमान में काम कर रहा है।


Body:कलकत्ता निवासी मलिन चन्द्र दास सहस्रधारा रोड आईटी कंपनी में कार्यरत है और मलिन दास ने साइबर सेल को शिकायत दर्ज कराई की 6 नवंबर को जॉबरेस्क्यूडॉटकॉम की तरफ से किसी स्वाति नाम की महिला ने फोन किया।महिला ने नॉकरी दिलाने के नाम पर 10 रुपय नेटबैंकिंग से ट्रांसफर कर पंजीकरण करने के लिए कहा गया।और महिला के कहने के अनुसार मलिन ने पंजीकरण करा लिया।साथ ही कलकत्ता में एसबीआई बैंक एकाउंट में सात लाख ओर तीन लाख की दो एफएडी बना रखी थी जो दिसंबर ओर फरवरी में मैच्योर होनी थी।लेकिन 9 नवंबर को मैसेज आया कि एफडी तोड़ दी गई और बचत खाते में रुपय ट्रांसफर कर दिए गए उसके बाद विभिन्न स्थानों पर रुपय ट्रांसफर हो गए।इस मामले पर मलिन ने बैंक के खिलाफ बिना मर्ज़ी के एफडी तोड़ने की शिकायत की थी लेकिन से निराशा हाथ लगने पर साइबर सेल को पूरे मामले की तहरीर देकर शिकायत दर्ज कराई।


Conclusion:एसटीएफ एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया और मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
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