देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी हैं. कांग्रेस और बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों ने अभी से जनता के बीच अपनी पैठ बैठानी शुरू कर दी है. वहीं पार्टियों ने विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों पर भी विचार करना शुरू कर दिया है. वहीं इसी को लेकर जब हरीश रावत से सवाल किया गया कि क्या वो आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो इस पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो आदेश करेगी, वो उसका पालन करेंगे.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं है. ऐसे में सभी पार्टियां जोर शोर से तैयारियों ने जुटी हुई हैं. कांग्रेस तो पांच साल बाद सत्ता में वापसी की जी तोड़ कोशिश में लगी है. कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुछ दिनों पहले जन भावनाओं को भुनाने के लिए इमोशनल कार्ड भी खेला था. उन्होंने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा.
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वहीं गुरुवार को देहरादून में एक कार्यक्रम को दौरान जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो इस पर हरीश रावत ने कहा कि वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो आदेश करेगी, वे उसका पालन करेंगे.
वहीं प्रदेश में तेज होती चुनावी हलचल को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दिसंबर के आसपास चुनावी हलचल होगी. अभी कांग्रेस 'परिवर्तन यात्रा' के जरिए बेरोजगारी, महंगाई, कुशासन, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उठा रही है. बीजेपी मुद्दों की बारिश ला रही है. कांग्रेस को उन्हें चुनना होगा.