देहरादून: कलेक्ट्रेट को ई-कलेक्ट्रेट में तब्दील करने के फैसले की खूब सराहना की गई. उस दौरान कहा गया कि अब लोगों को कलेक्ट्रेट में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. पूरा कलेक्ट्रेट ऑनलाइन हो गया है और लोगों को घर बैठे ही सुविधाएं मिल जाएंगी. लेकिन हकीकत इसके उलट है.
ETV BHARAT ने जब देहरादून डीएम ऑफिस का जायजा लिया तो देखा कि लोग अपने कामों के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय को ही कलेक्ट्रेट के रूप में स्थापित किया है. लेकिन कलेक्ट्रट परिसर में सिर्फ फरियादी भटकते नजर आ रहे हैं और अधिकारी लोगों की समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं.
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वहीं, कलेक्ट्रेट परिसर में कई कर्मचारी ऐसे भी हैं. जिन्हें खुद भी ई-कलेक्ट्रेट के बारे में कोई जानकारी नहीं है. लोगों की समस्याओं के संदर्भ में जब ईटीवी भारत ने जिलाधिकारी से पूछा तो डीएम आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है. जबकि जनआधार केंद्र को फिलहाल कोरोना संक्रमण के चलते नहीं खोला गया है.