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COVID Third Wave ALERT! 25 हजार कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को बांटा जाएगा पौष्टिक आहार

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Published : Jun 26, 2021, 8:39 PM IST

Updated : Jun 26, 2021, 9:58 PM IST

उत्तराखंड में 25,000 से ज्यादा अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चे हैं. ऐसे में इन बच्चों को पौष्टिक आहार बांटा जाएगा. क्योंकि, वैज्ञानिकों ने कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होने की आशंका जताई है.

uttarakhand malnourished children
कुपोषण

देहरादूनः देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की दस्तक का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसे लेकर विशेषज्ञ आगाह भी कर चुके हैं. माना जा रहा है कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर होगा. ऐसे में राज्य सरकार ने तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अभी से तैयारियां तेज कर दी है. साथ ही कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों को पौष्टिक आहार बांटने को कहा है.

दरअसल, मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही प्रदेश के कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों के लिए विशेष अभियान चलाकर पौष्टिक आहार बांटने के निर्देश भी दिए गए हैं.

जानकारी देतीं राज्यमंत्री रेखा आर्य.

ये भी पढ़ेंः कोरोना की तीसरी लहर और मौसमी बीमारी से बच्चों को कैसे बचाएं, इन बातों का रखें ध्यान

उत्तराखंड में 25,000 से ज्यादा अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चे

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान में 25,000 से ज्यादा अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चे हैं. ऐसे में यदि कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देती है तो इससे इन सभी बच्चों के संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा होगा. जिसे लेकर राज्य सरकार अभी से तैयारी में जुटी है. क्योंकि, दूसरी लहर में कोरोना जमकर कहर बरपा चुकी है.

uttarakhand malnourished children
जिलेवार अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चों की संख्या.

आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने से पौष्टिक आहार पहुंचाने में हो रही परेशानी

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहना है कि कोरोनाकाल में पिछले साल से ही विभागीय योजनाओं की रफ्तार काफी हद तक धीमी पड़ी है. आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने के चलते बच्चों को पौष्टिक आहार पहुंचाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं.

ये भी पढ़ेंः सावधान! बच्चे हो रहे कोरोना के शिकार, इलाज से ज्यादा सावधानी की दरकार

आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से पौष्टिक आहार पहुंचाने का किया जा रहा प्रयासः रेखा आर्य

उन्होंने कहा कि विभाग आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से बच्चों को घर-घर जाकर पौष्टिक आहार पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, कोरोनावायरस की तीसरी लहर की दस्तक के पहले इस अभियान को और अधिक रफ्तार देने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा.

बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के तहत राज्य सरकार ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 18 साल तक की आयु के मरीजों के लिए कोविड-19 सेंटर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. जिसमें ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और एचडीयू बेड की व्यवस्था रहेगी. इसके साथ ही सरकार ने 12 साल से कम आयु के बच्चों के माता-पिता का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराने का निर्णय भी लिया है.

देहरादूनः देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की दस्तक का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसे लेकर विशेषज्ञ आगाह भी कर चुके हैं. माना जा रहा है कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों पर होगा. ऐसे में राज्य सरकार ने तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अभी से तैयारियां तेज कर दी है. साथ ही कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों को पौष्टिक आहार बांटने को कहा है.

दरअसल, मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही प्रदेश के कुपोषित और अतिकुपोषित श्रेणी के बच्चों के लिए विशेष अभियान चलाकर पौष्टिक आहार बांटने के निर्देश भी दिए गए हैं.

जानकारी देतीं राज्यमंत्री रेखा आर्य.

ये भी पढ़ेंः कोरोना की तीसरी लहर और मौसमी बीमारी से बच्चों को कैसे बचाएं, इन बातों का रखें ध्यान

उत्तराखंड में 25,000 से ज्यादा अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चे

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान में 25,000 से ज्यादा अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चे हैं. ऐसे में यदि कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देती है तो इससे इन सभी बच्चों के संक्रमित होने का खतरा सबसे ज्यादा होगा. जिसे लेकर राज्य सरकार अभी से तैयारी में जुटी है. क्योंकि, दूसरी लहर में कोरोना जमकर कहर बरपा चुकी है.

uttarakhand malnourished children
जिलेवार अतिकुपोषित और कुपोषित बच्चों की संख्या.

आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने से पौष्टिक आहार पहुंचाने में हो रही परेशानी

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने कहना है कि कोरोनाकाल में पिछले साल से ही विभागीय योजनाओं की रफ्तार काफी हद तक धीमी पड़ी है. आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने के चलते बच्चों को पौष्टिक आहार पहुंचाने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं.

ये भी पढ़ेंः सावधान! बच्चे हो रहे कोरोना के शिकार, इलाज से ज्यादा सावधानी की दरकार

आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से पौष्टिक आहार पहुंचाने का किया जा रहा प्रयासः रेखा आर्य

उन्होंने कहा कि विभाग आंगनबाड़ी वर्करों के माध्यम से बच्चों को घर-घर जाकर पौष्टिक आहार पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, कोरोनावायरस की तीसरी लहर की दस्तक के पहले इस अभियान को और अधिक रफ्तार देने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया जाएगा.

बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के तहत राज्य सरकार ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 18 साल तक की आयु के मरीजों के लिए कोविड-19 सेंटर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है. जिसमें ऑक्सीजन बेड, आईसीयू और एचडीयू बेड की व्यवस्था रहेगी. इसके साथ ही सरकार ने 12 साल से कम आयु के बच्चों के माता-पिता का प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन कराने का निर्णय भी लिया है.

Last Updated : Jun 26, 2021, 9:58 PM IST
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