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सरकार के खिलाफ नर्सिंग स्टूडेंट्स ने किया प्रदर्शन, कार्यबहिष्कार की दी चेतावनी

नर्सिंग कर चुके बेरोजगार छात्रों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बार हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे अस्पतालों में कार्य बहिष्कार करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी.

नर्सिंग के छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन
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Published : Aug 4, 2019, 5:31 PM IST

देहरादून: जनक्रांति विकास मोर्चा ने सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और सरकारी अस्पतालों में नर्सिग स्टॉफ की स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. ऐसे मौके पर नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों से उनकी स्थाई नियुक्तियां नहीं की गई है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें जल्द ही नियुक्ति नहीं दी गई तो वे कार्यबहिष्कार करेंगे.

नर्सिंग के छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

बता दें कि नर्सिंग कोर्स कर चुके बेरोजगार छात्रों की मानें तो सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का अत्यधिक महत्व है, लेकिन नर्सिग स्टाफ की कमी के चलते प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं. जबकि, हर साल लाखों रुपए खर्च कर नर्सिंग का कोर्स करने के बाद भी छात्रों को भटकना पड़ रहा है.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सीएम के पास होने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है और नर्सिंग के छात्र बेरोजगार. उनका कहना है कि सीएम ने कई बार नर्सिंग स्टाफ की स्थाई नियुक्तियों को लेकर घोषणा की है. लेकिन ये घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई हैं.

वहीं, इस मामले में नर्सिंग प्रकोष्ठ अध्यक्ष चन्द्र भट्ट का कहना है कि पिछले 10 सालों से उनकी नियुक्तियां स्थाई नहीं हुई है. जबकि, हर साल नर्सिंग के नये कॉलेज खुल रहे हैं. जिनमें हज़ारों की संख्या में छात्र कोर्स करके भटक रहे हैं. ऐसे में कुछ छात्र प्राइवेट अस्पतालों में कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं.

भट्ट ने कहा कि इस मसले पर शासन से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन हर बार मामला सिफर ही रहा. उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बार सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो वह अस्पतालों में कार्य बहिष्कार करेंगे जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी.

देहरादून: जनक्रांति विकास मोर्चा ने सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और सरकारी अस्पतालों में नर्सिग स्टॉफ की स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. ऐसे मौके पर नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों से उनकी स्थाई नियुक्तियां नहीं की गई है. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें जल्द ही नियुक्ति नहीं दी गई तो वे कार्यबहिष्कार करेंगे.

नर्सिंग के छात्रों ने किया धरना प्रदर्शन

बता दें कि नर्सिंग कोर्स कर चुके बेरोजगार छात्रों की मानें तो सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं का अत्यधिक महत्व है, लेकिन नर्सिग स्टाफ की कमी के चलते प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं. जबकि, हर साल लाखों रुपए खर्च कर नर्सिंग का कोर्स करने के बाद भी छात्रों को भटकना पड़ रहा है.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सीएम के पास होने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल है और नर्सिंग के छात्र बेरोजगार. उनका कहना है कि सीएम ने कई बार नर्सिंग स्टाफ की स्थाई नियुक्तियों को लेकर घोषणा की है. लेकिन ये घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई हैं.

वहीं, इस मामले में नर्सिंग प्रकोष्ठ अध्यक्ष चन्द्र भट्ट का कहना है कि पिछले 10 सालों से उनकी नियुक्तियां स्थाई नहीं हुई है. जबकि, हर साल नर्सिंग के नये कॉलेज खुल रहे हैं. जिनमें हज़ारों की संख्या में छात्र कोर्स करके भटक रहे हैं. ऐसे में कुछ छात्र प्राइवेट अस्पतालों में कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं.

भट्ट ने कहा कि इस मसले पर शासन से कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन हर बार मामला सिफर ही रहा. उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बार सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो वह अस्पतालों में कार्य बहिष्कार करेंगे जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी.

Intro:जनक्रांति विकास मोर्चा के कार्यकर्ताओं और नर्सिग कोर्स करके बेरोजगारों युवक-युवतियों ने आज उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सरकारी अस्पतालों में नर्सिग स्टाफ की स्थाई नियुक्ति की मांग को लेकर गांधी पार्क गेट पर धरना दिया साथ में मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।वही नर्सिग कोर्स किये बेरोजगारों ने इस दौरान कहा की पिछले 10 सालों से हमारी स्थाई नियुक्तियां नही कर रही है।जिस कारण हज़ारो नोजवान बेरोजगार घूम रहे है।और अगर हम लोगो को स्थाई नियुक्तियां नही मिलती है तो हम सब सभी अस्पताल में कार्यबहिष्कार करने का काम करेंगे।


Body:नर्सिंग कोर्स किए बेरोजगारों की मानें तो उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का अत्यधिक महत्व और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी में रीड की हड्डी के समान नर्सिग स्टाफ की भारी कमी उत्तराखंड के नागरिकों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में बाधक हो रही है।लाखों रुपए खर्च कर प्रतिवर्ष सरकारी व निजी संस्थाओं से नर्सिग कोर्स प्राप्त कर रोजगार के लिए भटकते और निराश हजारों नौजवान उत्तराखंड की स्वास्थ्य नीति को लेकर परेशान हैं।साथ ही मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य विभाग होने पर भी बेरोजगार बिना स्थाई नियुक्तियों के घूम रहे हैं।और सीएम द्वारा पिछले 2 सालों में नर्सिग स्टाफ की स्थाई नियुक्तियों को लेकर कई बार घोषणा की गई लेकिन वह केवल घोषणा ही होकर रह गई है।


Conclusion:नर्सिग प्रकोष्ठ अध्यक्ष चन्द्र भट्ट ने बताया कि सरकार पिछले 10 सालों से कोई हमारी स्थाई नियुक्ति नही कर रही है,ओर हर साल नए कॉलेज और नर्सिग कॉलेज खुल रहे और उनमें से हज़ारो युवक कोर्स करके निकल रहे है।लेकिन किसी को भी नियुक्ति नही दी जा रही है।और जो नर्सिग कोर्स किये युवक युक्तियां प्राइवेट अस्पतालों में बहुत ही कम सैलरी में काम कर रहे हैं जो कि उनका शोषण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कभी छह सौ वैकेंसी निकलती है तो कभी 700 वैकेंसी की की घोषणा करते हैं लेकिन नियुक्तियां नहीं देते हैं।हम लोगों ने पहले भी कई बार रैलियां कर चुके हैं और शासन से कई बार वार्ता करके ज्ञापन सौंप चुके हैं। और अगर सरकार हमारी नहीं मांगे पूरी करती है तो हम अस्पतालों में कार्य बहिष्कार करेंगे जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी।

बाइट- चन्द्र भट्ट(नर्सिग प्रकोष्ठ अध्यक्ष)

बाइट मेल की है मेल से उठाने की कृपा करें।
धन्यवाद।

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