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CM त्रिवेंद्र से वार्ता के बाद नर्सेज एसोसिएशन ने किया कार्य बहिष्कार स्थगित

9 दिनों से काली पट्टी बांध कर विरोध जता रही नर्सों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात के बाद अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है.

Uttarakhand Nurses Association
देहरादून न्यूज
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Published : Sep 29, 2020, 8:37 PM IST

देहरादून: विभिन्न मांगों को लेकर बीते 9 दिनों से काली पट्टी बांध कर विरोध जता रही नर्सों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात के बाद कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया है. इसकी जानकारी नर्सेज एसोसिएशन की संरक्षक लक्ष्मी पुनेठा ने दी है. वहीं, नर्सों ने मांगे नहीं माने जाने पर 30 सितंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी.

मंगलवार को ग्रेड पे संशोधन समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलित नर्सों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत ने नर्सों की समस्याओं को गौर से सुना और उन पर सहमति जताई. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नर्सेज एसोसिएशन की पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि नर्सों की एक दिन की वेतन कटौती रोकने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के साथ ही रिक्त पदों पर जल्द नियुक्तियां की जाएंगी.

सीएम ने कहा कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के तहत नर्सों के पद बढ़ाए गए हैं, जिसका शासनादेश भी जारी हो गया है. नर्सेज एसोसिएशन की संरक्षक लक्ष्मी पुनेठा के मुताबिक सीएम के आश्वासन के बाद नर्सों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है.

पढ़ें- चमोली: बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहे सतेंद्र, 'अंकु की पाठशाला' दिया नाम

गौरतलब है कि एक दिन की वेतन कटौती किए जाने और ग्रेड पे संशोधन समेत लंबित मांगों को लेकर नर्सेज बीते 9 दिनों से काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहीं थी. नर्सों ने ऐलान किया था कि अगर उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो वो मजबूरन 30 सितंबर से बेमियादी कार्य बहिष्कार पर चली जाएंगी.

नर्सें इस बात से नाराज थीं कि स्वास्थ विभाग में अन्य संवर्गों के लोगों की सुनवाई जल्दी हो जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली नर्सेज की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. एसोसिएशन की मांग थी कि उनका ग्रेड वेतन 5,400 किया जाए. इसके साथ ही केंद्र के समान नर्सों का पदनाम परिवर्तित किया जाये. कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे रही नर्सों के एक दिन के वेतन की भी कटौती ना की जाए.

देहरादून: विभिन्न मांगों को लेकर बीते 9 दिनों से काली पट्टी बांध कर विरोध जता रही नर्सों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात के बाद कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया है. इसकी जानकारी नर्सेज एसोसिएशन की संरक्षक लक्ष्मी पुनेठा ने दी है. वहीं, नर्सों ने मांगे नहीं माने जाने पर 30 सितंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी.

मंगलवार को ग्रेड पे संशोधन समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलित नर्सों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात की. इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत ने नर्सों की समस्याओं को गौर से सुना और उन पर सहमति जताई. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नर्सेज एसोसिएशन की पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि नर्सों की एक दिन की वेतन कटौती रोकने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के साथ ही रिक्त पदों पर जल्द नियुक्तियां की जाएंगी.

सीएम ने कहा कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के तहत नर्सों के पद बढ़ाए गए हैं, जिसका शासनादेश भी जारी हो गया है. नर्सेज एसोसिएशन की संरक्षक लक्ष्मी पुनेठा के मुताबिक सीएम के आश्वासन के बाद नर्सों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है.

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गौरतलब है कि एक दिन की वेतन कटौती किए जाने और ग्रेड पे संशोधन समेत लंबित मांगों को लेकर नर्सेज बीते 9 दिनों से काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहीं थी. नर्सों ने ऐलान किया था कि अगर उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हुआ तो वो मजबूरन 30 सितंबर से बेमियादी कार्य बहिष्कार पर चली जाएंगी.

नर्सें इस बात से नाराज थीं कि स्वास्थ विभाग में अन्य संवर्गों के लोगों की सुनवाई जल्दी हो जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली नर्सेज की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. एसोसिएशन की मांग थी कि उनका ग्रेड वेतन 5,400 किया जाए. इसके साथ ही केंद्र के समान नर्सों का पदनाम परिवर्तित किया जाये. कोरोना काल में अपनी सेवाएं दे रही नर्सों के एक दिन के वेतन की भी कटौती ना की जाए.

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