देहरादूनः उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश का दौर कम पर होने पर चारधाम यात्रा फिर से जोर पकड़ने लगी है. एक बार फिर से चारधाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है. इस बार चारधाम यात्रा में नया रिकॉर्ड बन रहा है. यात्रियों की आमद से राज्य की आर्थिकी को भी मजबूत करने में मदद मिली है. यू कहें कि इस बार चारधाम यात्रा का आर्थिकी में बड़ा योगदान रहा है. सरकार से लेकर स्थानीय लोग इस बात से बेहद खुश हैं कि राज्य में भले ही बारिश की वजह से हालात कई जिलों में बिगड़े हों, लेकिन मॉनसून की बौछार कम होने के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में एक बार फिर से इजाफा हुआ है.
यात्रियों की भीड़ देख सरकार और व्यापारी गदगदः चारधाम यात्रा (Uttarakhand Chardham Yatra) में व्यवस्थाएं जुटाने की जिम्मेदारी पर्यटन, पुलिस विभाग और मंदिर समिति की है. लिहाजा, बीते साल मॉनसून के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को काफी लचर कर दिया गया था. इस बार राज्य सरकार को यह लगता है कि सितंबर महीने में श्रद्धालुओं की संख्या में एक बार फिर से इजाफा होगा. क्योंकि, सितंबर और अक्टूबर त्योहारों का महीना होगा. लिहाजा, ऐसे में तमाम राज्यों से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.
अगर आप मौजूदा समय में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) पर आ रहे हैं तो आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं या फिर ऋषिकेश में ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं. आप इस बेवसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. चारधाम यात्रा मार्ग पर इस बार यात्रियों की संख्या को देखते हुए संबंधित विभाग ने श्रीनगर और ऋषिकेश के बीच में लगभग 13 जेसीबी और अन्य सड़क खोलने वाली मशीनों को लगा रखा है. हालांकि, उत्तरकाशी, टिहरी और चमोली में आज भी कई सड़कें बंद हैं. ऐसे में इन जिलों में बारिश शुरू होती है तो जिला प्रशासन यात्रियों को रोक कर सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील भी कर रहा है.
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जिलाधिकारी संभाल रहे चारधाम यात्रा की कमान, पुलिस की टीमें भी मुस्तैदी से कर रही ड्यूटीः चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) का कहना है कि आने वाले सालों में रेल मार्ग और सड़क मार्ग पूरी तरह से तैयार व सुदृढ़ हो जाएंगे तो मॉनसून हो या बर्फबारी. उस स्थिति में भी चारधाम यात्रा जारी रहेगी. उस समय पर्यटकों की संख्या कई और रिकॉर्ड भी तोड़ेगी. मॉनसून सीजन में भी ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लिहाजा, चारधाम यात्रा से जुड़े जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.
इसके अलावा राहत और बचाव कार्य की टीमों को ड्यूटी में तैनात रहने को कहा गया है. साथ ही यात्रा में किसी तरह से फोर्स की कमी या लापरवाही न बरती जाए. क्योंकि, जिस तरह से रोजाना रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं, उसे देखकर उम्मीद लगाई जा रही है कि सितंबर महीने में पितृपक्ष के दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने बदरीनाथ पहुंच सकते हैं. लिहाजा, ऐसे में इस बार यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है. केदारनाथ धामी में लोगों का रुझान बढ़ा है. उन्होंने कहा कि बदीनाथ आने वाले श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शन करके भी जाएं. केदारनाथ ट्रैक पर भी राहत और बचाव कार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमों को तैनात किया हुआ है.
चारधाम और हेमकुंड साहिब में यात्रियों की संख्याः बता दें कि जब चारधाम यात्रा जब से शुरू हुई थी, तब रोजाना 17 से 21 हजार लोग दर्शन करने पहुंच रहे थे. इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि अगस्त महीने तक 11 लाख से ज्यादा लोग बदरीनाथ के दर्शन कर चुके हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, अब तक बदरीनाथ में 11,04,912 लोग दर्शन कर चुके हैं जबकि केदारनाथ में 10,31,667 लोग दर्शन कर चुके हैं. गंगोत्री में यह संख्या 4,77,351 पार कर चुकी है. जबकि, यमुनोत्री में 3,67,742 लोग दर्शन कर चुके हैं. इसके अलावा सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब में भी श्रद्धालु रिकॉर्ड तोड़ पहुंचे हैं. अभी तक गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Gurudwara Shri Hemkund Sahib) में 2,11,270 श्रद्धालु मत्था टेक चुके हैं.
इन सड़कों पर संभल करें सफरः सूबे में जरा सी बारिश होने पर सड़कें बंद हो जाती हैं. इनमें चारधाम यात्रा रूट की सड़कें भी शामिल हैं. इन दिनों भी कई हाईवे बार-बार बाधित हो रहे हैं. यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (Yamunotri National Highway) सरूखेत के पास मलबा व बोल्डर गिरने से बंद हो रहा है. उधर, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग हेलगूगाड़ के पास भूस्खलन होने से अवरुद्ध हो रहा है. यमुनोत्री हाईवे धरासू और तलोग के पास बंद हो रहा है. जबकि, ऋषिकेश श्रीनगर मार्ग भी तेज बारिश होने पर बाधित हो जाता है. हालांकि, प्रशासन की पूरी कोशिश रहती है कि जल्द से जल्द सड़कों को खुलवा दिया जाए. ऐसे में यात्रियों को मार्ग बंद होने और खुलने की जानकारी पहले ही दी जा रही है.
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केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है. ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती हैं. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है.
साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है. तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाइयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए. इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ आते हैं, वे आस्था के कारण खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाइयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.
चारधाम यात्रा में ये सामान जरूर रखेंः अगर आप उत्तराखंड की चारधाम यात्रा रक आ रहे रहे हैं तो आपको पहले से ही तैयारी करके आना होगा. क्योंकि, पहाड़ों में कभी भी मौसम का मिजाज बदल जाता है. ऐसे में बारिश से बचने के लिए छाता और बरसाती जरूर रखें. इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण दवाइयां और गर्म कपडे़ भी लेकर आएं. गाड़ी और होटल पहले से बुक कर लें. कोशिश करें कि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर बच्चे और बुजुर्गों को साथ न लाएं. इन धामों में पहुंचने के लिए चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी. बारिश के दौरान वाहन न चलाएं, बल्कि सुरक्षित स्थान पर गाड़ी को खड़ी कर लें. मौसम विभाग की चेतावनी का अपडेट लेते रहें. आप किसी भी मुसीबत या परेशानी में उत्तराखंड पुलिस की मदद लें.