देहरादून: कोरोना की वजह से वर्ष 2020 के हज में भारत से जायरीन शामिल नहीं हो सके. अब हज-2021 की तैयारियां शुरू हो गई हैं. कोरोना की वजह से अगले वर्ष होने वाले हज को लेकर सऊदी सरकार ने कई बंदिशे लगाई हैं और नियमों में भी बदलाव किये हैं.
हर साल हज पर जाने वाले के लिए यात्रियों को आवेदन करना होता है. इसी क्रम में हज कमेटी ऑफ इंडिया ने साल 2021 में हज पर जाने वाले यात्रियों के आवेदन करने को लेकर 7 नवंबर से 10 दिसंबर 2020 तक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी. लेकिन कोरोना वायरस के चलते बेहद कम संख्या में मिल रहे आवेदन को देखते हुए 10 दिसंबर को आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 जनवरी 2021 कर दिया गया. बावजूद इसके पिछले साल की तुलना में मात्र 20 प्रतिशत यात्रियों ने ही आवेदन किया है.
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हज कमेटी ऑफ इंडिया को उत्तराखंड से 10 दिसंबर तक मात्र 405 आवेदन प्राप्त हुए थे. देश और विभिन्न राज्यों में जायरीन की घटनी संख्या को देखते हुए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इस तिथि को बढ़ाकर 10 जनवरी तक कर दिया. बावजूद इसके उत्तराखंड में अब तक आवेदन करने वालों की संख्या मात्र 646 तक ही पहुंच पाई है. वहीं, साल 2020 में हज पर जाने के लिए साल 2019 अंत में आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी. जिस दौरान प्रदेश से 3020 यात्रियों ने आवेदन किया था.
साल 2020 में हज पर जाने के लिए 3020 यात्री में आवेदन किया था. जिसमें 1265 यात्रियों चयन किया गया था. हज पर जाने की इच्छा रखने वाले यात्रीयो में कहीं ना कहीं कोरोना संक्रमण का डर अभी भी बरकरार है. यही वजह है कि बेहद कम संख्या इस साल लोगों हज के लिए आवेदन किया है.
उत्तराखंड हज समिति के चेयरमैन शमीम आलम ने बताया कि उत्तराखंड राज्य से पिछले साल 1265 यात्री हज पर जाने के लिए चिन्हित किए गए थे. लेकिन कोरोना के चलते यात्री नहीं जा पाए. जिसके इस साल हज यात्रा की उम्मीद को देखते हुए हज पर जाने वाले यात्रियों को आवेदन के लिए आमंत्रित किया गया. लेकिन इस बार आवेदन करने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम है. साथ ही शमीम आलम ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है कि इन सभी हज यात्रियों को नि:शुल्क वैक्सीन लगाया जाए.