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जानिए क्यों NSUI ने किया सीएम आवास कूच, आखिर क्यों मांग रहे हैं शिक्षा मंत्री का इस्तीफा?

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर छात्र संगठन एनएसयूआई के छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया. लेकिन पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचने से पहले ही प्रदर्शनकारियों को रोक लिया. साथ ही प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर विरोध प्रदर्शन करते एनएसयूआई कार्यकर्ता.
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Published : Aug 31, 2019, 9:29 PM IST

देहरादून: प्रदेश के कॉलेजों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर कांग्रेस सहयोगी छात्र संगठन एनएसयूआई ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया. लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास पहुंचने से पहले ही रोक दिया. जिसके बाद पुलिस ने उग्र प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन.

बता दें कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में शासकीय व अर्द्धशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाने, सेमेस्टर प्रणाली पर निर्णय लेने से पूर्व छात्र-छात्राओं से राय लेने और उत्तराखंड के महाविद्यालयों की दुर्दशा के लिए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को जिम्मेदार करार देते हुए उनके इस्तीफे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया.

गौर हो कि इससे पूर्व एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश मुख्यालय में एक सभा का आयोजन किया था. जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि सरकार शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए बार-बार आश्वासन दे रही है. लेकिन अभी तक शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है. जबकि महाविद्यालय में चल रहे छात्र संघ चुनावों में सरकार हस्तक्षेप कर रही है.

ये भी पढ़े: दारोगा भर्ती घोटाला: CBI कोर्ट में दर्ज हुए डीजीपी अनिल रतूड़ी के बयान

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने एनएसयूआई की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि एनएसयूआई की मांगें जायज हैं. उन्होंने कहा कि यह विंग छात्र हितों के लिए बनाया गया है. जिस तरीके से महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में छात्रों की शिक्षा कैसे अच्छी हो सकती है.

देहरादून: प्रदेश के कॉलेजों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर कांग्रेस सहयोगी छात्र संगठन एनएसयूआई ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया. लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास पहुंचने से पहले ही रोक दिया. जिसके बाद पुलिस ने उग्र प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन.

बता दें कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में शासकीय व अर्द्धशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाने, सेमेस्टर प्रणाली पर निर्णय लेने से पूर्व छात्र-छात्राओं से राय लेने और उत्तराखंड के महाविद्यालयों की दुर्दशा के लिए शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को जिम्मेदार करार देते हुए उनके इस्तीफे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया.

गौर हो कि इससे पूर्व एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश मुख्यालय में एक सभा का आयोजन किया था. जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने बताया कि सरकार शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए बार-बार आश्वासन दे रही है. लेकिन अभी तक शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है. जबकि महाविद्यालय में चल रहे छात्र संघ चुनावों में सरकार हस्तक्षेप कर रही है.

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वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने एनएसयूआई की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि एनएसयूआई की मांगें जायज हैं. उन्होंने कहा कि यह विंग छात्र हितों के लिए बनाया गया है. जिस तरीके से महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में छात्रों की शिक्षा कैसे अच्छी हो सकती है.

Intro:प्रदेश के कॉलेजों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर कांग्रेस के सहयोगी छात्र संगठन एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया यह छात्र अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश सरकार से नाराज थे। अपनी मांगों को लेकर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के इस्तीफे की भी मांग कर डाली है।


Body:कांग्रेस के सहयोगी छात्र संगठन एनएसयूआई के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने आज प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को जल्द पूरा करने के साथ ही अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया। जहां पुलिस प्रशासन ने हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग डालकर प्रदर्शनकारियों को वहीं रोक दिया, और गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। इससे पूर्व एनएसयूआई के छात्र छात्राओं ने प्रदेश मुख्यालय में एक सभा का आयोजन किया जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस मामले में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना है कि सरकार शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए बार-बार आश्वासन दे रही है लेकिन अभी तक शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है जबकि महाविद्यालय में चल रहे छात्र संघ चुनावों में भी सरकार अपने हिसाब से हस्तक्षेप कर रही है। उन्होने शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत के इस्तीफे की मांग तक कर डाली।
बाइट- मोहन भंडारी, प्रदेश अध्यक्ष एनएसयूआई

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने एनएसयूआई की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि एनएसयूआई की मांगे जायज है क्योंकि यह विंग छात्र हितों के लिए बनाया गया है और जिस तरीके से महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं ऐसे में छात्रों की शिक्षा कैसे अच्छी हो सकती है जब विद्यालयों में टीचर ही नहीं रहेंगे।
बाईट- प्रीतम सिंह ,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष


Conclusion:एनएसयूआई की प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं-
1- प्रदेश में शासकीय व अर्द्धशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए
2-सेमेस्टर प्रणाली पर कोई भी निर्णय लेने से पूर्व छात्र छात्राओं से राय ली जाए।
3- उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा छात्र संघ चुनावों को अलग-थलग करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपनी पार्टी से जुड़े हुए छात्रों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में छात्र संघ चुनाव करवाने के लिए छात्र छात्राओं को स्वायत्ता प्रदान की जाए।
4- उत्तराखंड के महाविद्यालयों की दुर्दशा की जिम्मेवारी लेते हुए डॉ धन सिंह रावत का। इस्तीफा लिया जाए
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