देहरादूनः निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर एनएसयूआई में खासा रोष है. इसी कड़ी में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा और मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. वहीं, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कोरोना संकट काल में देहरादून के कुछ निजी स्कूल शुल्क जमा कराने के लिए अभिभावकों को बाध्य कर रहे हैं.
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी का कहना है कि समूचे प्रदेश में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लागू है, लेकिन शहर के कई स्कूलों ने अभिभावकों से शुल्क मांगना शुरू कर दिया है. इसके लिए बाकायदा स्कूलों ने शुल्क जमा कराने के लिए नोटिस भी चस्पा कर दिए हैं. जिसका एनएसयूआई विरोध करती है और प्रशासन से ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करती है.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने शासनादेश निर्गत किया था कि प्रदेश में संचालित शासकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों पर शुल्क लेने पर रोक लगाई थी. साथ ही ऐसे अभिभावक जो स्वेच्छा से शुल्क जमा कराना चाहते हैं, उन्हें अनुमति प्रदान की गई थी, लेकिन देहरादून के कुछ निजी स्कूल अभिभावकों से शुल्क की डिमांड करने लगे हैं.
वहीं, उन्होंने कहा कि एनएसयूआई कार्यकर्ता इस मुश्किल घड़ी में आर्थिक दबाव झेल रहे अभिभावकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. ऐसे में अभिभावकों को यदि कोई स्कूल प्रबंधन जबरन शुल्क वसूलने के लिए बाध्य करता है तो एनएसयूआई कार्यकर्ता शासन-प्रशासन से इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग को लेकर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे.