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मानव तस्करी सहित गंभीर अपराधों पर सीएम सख्त, राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस को सौंपी जाएगी जांच

राजस्व क्षेत्रों में नाबालिग लड़कियों की तस्करी मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने अब राजस्व क्षेत्रों में मानव तस्करी, बाल एवं महिला अपराध जैसे संगीन मामलों को रेगुलर पुलिस के सौंपने का आदेश दिया हैं.

मानव तस्करी सहित गंभीर अपराधों पर सीएम सख्त.
मानव तस्करी सहित गंभीर अपराधों पर सीएम सख्त.
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Published : Apr 10, 2021, 4:14 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 7:59 AM IST

देहरादून: देशभर में मानव तस्करी का जाल फैलता जा रहा है. ऐसे में उत्तराखंड भी इससे से अछूता नहीं है. यही वजह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत ने इसे गंभीरता से लेते हुए पहाड़ी राजस्व क्षेत्रों में मानव तस्करी, बाल एवं महिला अपराध जैसे संगीन आपराधिक मामलों को रेगुलर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है.

मानव तस्करी सहित गंभीर अपराधों पर सीएम सख्त.

चमोली जिले में मानव तस्करी

गौर हो कि चमोली जिले के राजस्व क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों की तस्करी के मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने अब पहाड़ी राजस्व क्षेत्रों में मानव तस्करी, बाल एवं महिला अपराध जैसे संगीन मामलों को रेगुलर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है. इस निर्णय के बाद इन संगीन अपराधों पर निश्चित तौर पर अंकुश लगने की उम्मीद है. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि अगर राजस्व क्षेत्रों रेगुलर पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ाई जाती हैं तो निश्चित ही बाल-महिला जैसे गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है.

ब्रिटिशकाल से राजस्व पुलिस व्यवस्था

वहीं, कानून विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों में ब्रिटिश काल से पटवारी के हाथों कानून व्यवस्था हैं, जो वर्तमान में बिना संसाधन के काफी लचर स्थिति में आ चुकी हैं. इसका सबसे बड़ा कारण राजस्व क्षेत्र में खाली हाथ कानून की अतिरिक्त जिम्मेदारी देख रहे पटवारियों की क्षमता (Capacity) का ना होना भी हैं. जबकि मांग के बावजूद उत्तराखंड के हजारों राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस व्यवस्था को स्थापित ना होने देना वहां की कानून व्यवस्था को धराशायी करता है.

वर्तमान में दम तोड़ती राजस्व पुलिस व्यवस्था

यही कारण हैं कि प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों में दयनीय राजस्व पुलिस व्यवस्था के चलते मानव तस्करी के अलावा बाल एवं महिला अपराध की घटना में बढ़ोत्तरी हुई है. बता दें कि, आज भी उत्तराखंड के साढ़े तीन हजार से अधिक ऐसे दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र हैं, जहां कानून व्यवस्था राजस्व पुलिस (पटवारी) के हाथों में हैं.

ये भी पढ़ें: मसूरी में 8 लोगों में कोरोना की पुष्टि, खटीमा में पांच नर्सिंग स्टाफ समेत 10 संक्रमित

राजस्व क्षेत्रों में बढ़ते आपराधिक मामले

बदलते समय में राजस्व क्षेत्रों में भी अब कई तरह के आपराधिक मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन उस पर अंकुश लगाने में बिना संसाधन के राजस्व पुलिस सक्षम नहीं है. ऐसे में मांग और आवश्यकता के बावजूद उत्तराखंड सरकार राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस को जिम्मेदारी देने से बचती आ रही हैं. जबकि दूसरी तरफ राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला सहित साइबर क्राइम, हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध तेजी से पनप रहे हैं. ऐसे में जब तक रेगुलर पुलिस के हाथों में कानून व्यवस्था नहीं दी जाएगी, तबतक राजस्व क्षेत्रों में कानून व्यवस्था सुदृढ़ करना काफी मुश्किल है. वहीं, नैनीताल हाई कोर्ट भी राजस्व क्षेत्रों की कानून व्यवस्था रेगुलर पुलिस को देने की बात कह चुका है.

मानव तस्करी मामलो में बढ़ोत्तरी

मानव तस्करी मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि खासकर राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला अपराध में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, उस पर अंकुश लगा पाना पटवारी कानून व्यवस्था के तहत नाकाफी है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला अपराध रोकने के लिए रेगुलर पुलिस को जिम्मेदार देने के आदेश दिए हैं, वह स्वागत योग्य है. अगर ऐसी व्यवस्था बनाई जाती है तो, निसंदेह उत्तराखंड पुलिस राजस्व क्षेत्र में होने वाले गंभीर अपराधों को रोकने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ेगी.

मानव तस्करों पर होगी सख्त कार्रवाई: डीजीपी

डीजीपी अशोक कुमार के कहा कि मानव तस्करी मामले में जितना दोषी खरीदने वाला है, उतना ही बड़ा अपराधी बेचने वाला भी है. ऐसे में दोनों ही पक्षों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है. मानव तस्करी को लेकर जागरूकता बढ़ाने की भी बेहद आवश्यकता है. क्योंकि अधिकांश मामलों में शिकायतकर्ता सामने नहीं आते हैं. जबकि शिकायत होगी तभी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में देखा गया है कि राजस्व क्षेत्रों में हुए गंभीर अपराधों में काफी देर बाद रेगुलर पुलिस को जिम्मेदारी जी जाती है, जिसके चलते कई तरह की चुनौंतियां सामने आ जाती हैं. लेकिन अब अगर उत्तराखंड पुलिस को राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला अपराध जैसे गंभीर मामलों को सौंपा जाता है तो इस पर प्रभावी रूप में अंकुश लगाया जा सकता है.

देहरादून: देशभर में मानव तस्करी का जाल फैलता जा रहा है. ऐसे में उत्तराखंड भी इससे से अछूता नहीं है. यही वजह है कि सीएम तीरथ सिंह रावत ने इसे गंभीरता से लेते हुए पहाड़ी राजस्व क्षेत्रों में मानव तस्करी, बाल एवं महिला अपराध जैसे संगीन आपराधिक मामलों को रेगुलर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है.

मानव तस्करी सहित गंभीर अपराधों पर सीएम सख्त.

चमोली जिले में मानव तस्करी

गौर हो कि चमोली जिले के राजस्व क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों की तस्करी के मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने अब पहाड़ी राजस्व क्षेत्रों में मानव तस्करी, बाल एवं महिला अपराध जैसे संगीन मामलों को रेगुलर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है. इस निर्णय के बाद इन संगीन अपराधों पर निश्चित तौर पर अंकुश लगने की उम्मीद है. डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि अगर राजस्व क्षेत्रों रेगुलर पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ाई जाती हैं तो निश्चित ही बाल-महिला जैसे गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है.

ब्रिटिशकाल से राजस्व पुलिस व्यवस्था

वहीं, कानून विशेषज्ञों की मानें तो प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों में ब्रिटिश काल से पटवारी के हाथों कानून व्यवस्था हैं, जो वर्तमान में बिना संसाधन के काफी लचर स्थिति में आ चुकी हैं. इसका सबसे बड़ा कारण राजस्व क्षेत्र में खाली हाथ कानून की अतिरिक्त जिम्मेदारी देख रहे पटवारियों की क्षमता (Capacity) का ना होना भी हैं. जबकि मांग के बावजूद उत्तराखंड के हजारों राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस व्यवस्था को स्थापित ना होने देना वहां की कानून व्यवस्था को धराशायी करता है.

वर्तमान में दम तोड़ती राजस्व पुलिस व्यवस्था

यही कारण हैं कि प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों में दयनीय राजस्व पुलिस व्यवस्था के चलते मानव तस्करी के अलावा बाल एवं महिला अपराध की घटना में बढ़ोत्तरी हुई है. बता दें कि, आज भी उत्तराखंड के साढ़े तीन हजार से अधिक ऐसे दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र हैं, जहां कानून व्यवस्था राजस्व पुलिस (पटवारी) के हाथों में हैं.

ये भी पढ़ें: मसूरी में 8 लोगों में कोरोना की पुष्टि, खटीमा में पांच नर्सिंग स्टाफ समेत 10 संक्रमित

राजस्व क्षेत्रों में बढ़ते आपराधिक मामले

बदलते समय में राजस्व क्षेत्रों में भी अब कई तरह के आपराधिक मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन उस पर अंकुश लगाने में बिना संसाधन के राजस्व पुलिस सक्षम नहीं है. ऐसे में मांग और आवश्यकता के बावजूद उत्तराखंड सरकार राजस्व क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस को जिम्मेदारी देने से बचती आ रही हैं. जबकि दूसरी तरफ राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला सहित साइबर क्राइम, हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध तेजी से पनप रहे हैं. ऐसे में जब तक रेगुलर पुलिस के हाथों में कानून व्यवस्था नहीं दी जाएगी, तबतक राजस्व क्षेत्रों में कानून व्यवस्था सुदृढ़ करना काफी मुश्किल है. वहीं, नैनीताल हाई कोर्ट भी राजस्व क्षेत्रों की कानून व्यवस्था रेगुलर पुलिस को देने की बात कह चुका है.

मानव तस्करी मामलो में बढ़ोत्तरी

मानव तस्करी मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि खासकर राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला अपराध में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, उस पर अंकुश लगा पाना पटवारी कानून व्यवस्था के तहत नाकाफी है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला अपराध रोकने के लिए रेगुलर पुलिस को जिम्मेदार देने के आदेश दिए हैं, वह स्वागत योग्य है. अगर ऐसी व्यवस्था बनाई जाती है तो, निसंदेह उत्तराखंड पुलिस राजस्व क्षेत्र में होने वाले गंभीर अपराधों को रोकने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ेगी.

मानव तस्करों पर होगी सख्त कार्रवाई: डीजीपी

डीजीपी अशोक कुमार के कहा कि मानव तस्करी मामले में जितना दोषी खरीदने वाला है, उतना ही बड़ा अपराधी बेचने वाला भी है. ऐसे में दोनों ही पक्षों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है. मानव तस्करी को लेकर जागरूकता बढ़ाने की भी बेहद आवश्यकता है. क्योंकि अधिकांश मामलों में शिकायतकर्ता सामने नहीं आते हैं. जबकि शिकायत होगी तभी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में देखा गया है कि राजस्व क्षेत्रों में हुए गंभीर अपराधों में काफी देर बाद रेगुलर पुलिस को जिम्मेदारी जी जाती है, जिसके चलते कई तरह की चुनौंतियां सामने आ जाती हैं. लेकिन अब अगर उत्तराखंड पुलिस को राजस्व क्षेत्रों में बाल एवं महिला अपराध जैसे गंभीर मामलों को सौंपा जाता है तो इस पर प्रभावी रूप में अंकुश लगाया जा सकता है.

Last Updated : Apr 11, 2021, 7:59 AM IST
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