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उत्तराखंड में 'योयोगो' चाइनीज कंपनी को नहीं कोई खतरा, जानिए इसके पीछे की वजह

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Published : Jun 23, 2020, 3:45 PM IST

भारत-चीन हिंसक झड़प के बाद से देशभर में चीन के खिलाफ गुस्सा है. लेकिन उत्तराखंड राज्य के सितारगंज में चल रही चीनी कंपनी योयोगो को अभी किसी तरह का खतरा नहीं है. जानिए, इसके पीछे की वजह

भारत-चीन विवाद
भारत-चीन विवाद

देहरादूनः भारत-चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प मामले में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद होने के बाद से देशभर में चीनी सरकार के खिलाफ आक्रोश है. देशभर में चाइना बॉयकॉट के साथ-साथ चीनी सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनी का 5 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट केंद्र की मंजूरी के बाद रद्द कर दिया था. लेकिन उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश में चल रहे चाइनीज प्रोजेक्ट पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है. जानिए, इसके पीछे की वजह...

चीन सीमा पर लगातार बढ़ रहे विवाद के बाद जहां पूरे देश में चीनी सामान और चीनी निवेशकों को लेकर लोगों में गुस्सा है. वहीं, चीन सीमा से सटे राज्य उत्तराखंड में भी चीनी सामानों के बहिष्कार के साथ प्रदेश में चल रहे चाइनीज कंपनियों के प्रोजेक्ट्स को बंद करने की मांग उठ रही है. हालांकि इस पर फैसला केंद्र सरकार को लेना है, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय स्तर का मामला है.

पढ़ेंः बाबा रामदेव का दावा बना ली कोरोना की 'रामबाण' दवा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में की घोषणा

दरअसल, सितारगंज सिडकुल में 2017 में स्थापित की गई योयोगो चाइनीज कंपनी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कंपनी पर तलवार लटक सकती है. लेकिन शासन से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, अभी इस तरह से किसी भी कार्रवाई के लिए केंद्र से आदेश नहीं मिला है.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि प्रदेश में विदेशी निवेश को लेकर दिए जाने वाला फैसला एक विदेश नीति से जुड़ा फैसला है. इस पर केंद्र के दिशा-निर्देशों के आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

देहरादूनः भारत-चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प मामले में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद होने के बाद से देशभर में चीनी सरकार के खिलाफ आक्रोश है. देशभर में चाइना बॉयकॉट के साथ-साथ चीनी सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. एक दिन पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनी का 5 हजार करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट केंद्र की मंजूरी के बाद रद्द कर दिया था. लेकिन उत्तराखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश में चल रहे चाइनीज प्रोजेक्ट पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है. जानिए, इसके पीछे की वजह...

चीन सीमा पर लगातार बढ़ रहे विवाद के बाद जहां पूरे देश में चीनी सामान और चीनी निवेशकों को लेकर लोगों में गुस्सा है. वहीं, चीन सीमा से सटे राज्य उत्तराखंड में भी चीनी सामानों के बहिष्कार के साथ प्रदेश में चल रहे चाइनीज कंपनियों के प्रोजेक्ट्स को बंद करने की मांग उठ रही है. हालांकि इस पर फैसला केंद्र सरकार को लेना है, क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय स्तर का मामला है.

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दरअसल, सितारगंज सिडकुल में 2017 में स्थापित की गई योयोगो चाइनीज कंपनी को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कंपनी पर तलवार लटक सकती है. लेकिन शासन से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, अभी इस तरह से किसी भी कार्रवाई के लिए केंद्र से आदेश नहीं मिला है.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि प्रदेश में विदेशी निवेश को लेकर दिए जाने वाला फैसला एक विदेश नीति से जुड़ा फैसला है. इस पर केंद्र के दिशा-निर्देशों के आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

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