देहरादून: अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत एनएचएम संविदा कर्मी 6 जून तक होम आइसोलेशन में रहेंगे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संगठन ने सरकार और शासन द्वारा उनकी मांगे न माने जाने को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. वहीं, अब एनएचएम संगठन को उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन ने भी अपना नैतिक समर्थन दे दिया है.
अपनी मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों ने राजपुर विधायक खजान दास से भी मुलाकात की. उन्हें अपनी मांगों के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने एनएचएम संविदा कर्मियों को आश्वासन दिया कि वो उनकी मांगों को शीघ्र ही मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन देहरादून के प्रतिनिधि मंडल ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष शिवप्रसाद ममगाई से भी मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों को लेकर अवगत कराया.
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एनएचएम संगठन को उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन ने भी नैतिक समर्थन दिया है. उन्होंने कहा संविदा कर्मचारी 6 तारीख तक अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर होम आइसोलेशन में हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है. जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है.
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संगठन की जिला उपाध्यक्ष रेखा नेगी का कहना है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी में एनएचएम संविदा कर्मचारी अपने अपने स्तर पर पूरा सहयोग दे रहे हैं. कर्मचारी अपने दैनिक कार्यों के अलावा अपने व अपने परिवार की जान जोखिम में डालकर राज्य को कोरोना से मुक्त बनाने के लिए आकस्मिक सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
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कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अग्रिम पंक्ति में सेवाएं दे रहे एनएचएम के संविदा कर्मचारी कोरोना वॉरियर्स कहे जाते हैं जो अपनी प्रमुख मांगों जैसे सामूहिक बीमा, नियमित कर्मियों की भांति गोल्डन कार्ड की सुविधा, लॉयल्टी बोनस, सेवा के दौरान मृत्यु पर कर्मियों के परिवार को आर्थिक मदद, विभागीय ढांचे में कर्मियों के लिए ex-cadre का गठन, सेवा नियमावली और एचआर पॉलिसी लागू करने के अलावा आउटसोर्सिंग और ठेके पर नियुक्ति का फैसला रद्द करने, ढांचागत पदों में एनएचएम कर्मियों को प्राथमिकता दिए जाने और वार्षिक वेतन वृद्धि 5% से बढ़ाकर 10% किए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं.