देहरादून: 1 जुलाई से सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) को लेकर नया नियम लागू किया जा रहा है. इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको आरटीओ जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
बता दें कि नए नियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एप्लाई करने वाले व्यक्ति को आरटीओ में होने वाले ड्राइविंग टेस्ट से मुक्त रखा जाएगा. इसके तहत संबंधित व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट किसी भी प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में दे सकेगा. वहां से मिलने वाले सर्टिफिकेट को भी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मान्य माना जाएगा.
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आरटीओ देहरादून द्वारका प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में जनपद देहरादून में 8 निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर पंजीकृत हैं. एक जुलाई से लागू होने जा रहे इस नए नियम को लेकर फिलहाल प्रदेश की कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. ऐसे में यदि गाइडलाइन में दिए गए मापदंडों पर यदि यह निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खरे उतरते हैं तो आने वाले समय में लोग निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर में जाकर ड्राइविंग टेस्ट दे सकेंगे. इसके साथ ही यहां मिलने वाले सर्टिफिकेट के आधार पर ही उनका ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाएगा.
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क्या हैं निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के नियम
- हल्के मोटर वाहन चालक को ड्राइविंग ट्रेनिंग देने वाले निजी सेंटर में कम से कम 1 एकड़ भूमि होनी जरूरी है.
- मध्यम व भारी वाहन चालकों को ड्राइविंग ट्रेनिंग देने वाले सेंटर के पास कम से कम 2 एकड़ जमीन होनी जरूरी है.
- इसके साथ ही ट्रेनर को 12वीं पास भी होना होगा.
- ट्रेनर के पास 5 साल का अनुभव होना भी जरूरी है.
- उसे यातायात नियमों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए.
- ड्राइविंग ट्रैक, आईटी और बायोमीट्रिक सिस्टम और निर्धारित सिलेबस के अनुसार ट्रेनिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करना होगा.
- मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए, पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम 4 हफ्ते होगी जो 29 घंटों तक चलेगी.
- इन ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को 2 हिस्सों में बांटा जाएगा. थ्योरी और प्रैक्टिकल.