देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग (Uttarakhand Education Department) में धारा 27 के तहत हो रहे तबादलों को लेकर सरकार बैकफुट पर है. विपक्ष ने वोटिंग से पहले इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है. उधर कमाल की बात यह है कि इस मामले पर विपक्ष के गंभीर आरोपों के बीच शिक्षा सचिव में एक नया निर्देश जारी कर अधिकारियों को स्थानांतरण पर आदेश जारी किए हैं.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने शिक्षा विभाग में हो रहे ट्रासंफर को लेकर बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. लगातार हो रहे तबादलों के कारण इस विभाग से जुड़े अधिकारी भी सवालों के घेरे में घिर रहे हैं. उधर बड़ी बात यह है कि शिक्षा विभाग में धारा 27 के तहत अचानक बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादलों के एक के बाद एक आदेश से सरकार बैकफुट पर दिख रही है. आचार संहिता लगने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत प्रदेश के विपक्षी दलों ने जिस तरह से तबादलों पर सवाल खड़े किए हैं उसके बाद शिक्षा विभाग के सचिव मीनाक्षी सुंदरम को भी इसके संबंध में नया आदेश जारी करना पड़ा है.
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दरअसल, आज 10 जनवरी को ही 104 शिक्षकों के तबादले से जुड़ी एक सूची सामने आई है, जिस पर भी 7 जनवरी की तारीख है. उधर अब शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग को स्थानांतरण के संबंध में चुनावी आचार संहिता का अनुपालन करने से जुड़ा एक नया आदेश भी जारी कर दिया है. इस आदेश पर भी विपक्ष सवाल खड़े करते हुए कह रहा है कि जब शिक्षा विभाग में धारा 27 के तहत सैकड़ों शिक्षकों के तबादले कर दिए गए हैं, तब जाकर शिक्षा सचिव को आचार संहिता को लेकर ऐसा आदेश निर्गत करने की याद आई है.
क्या है नियम-27: स्थानांतरण एक्ट में अनिवार्य और अनुरोध के आधार पर तबादलों का प्रविधान है. इससे इतर विशेष परिस्थितियों में जरूरतमंदों के तबादला आवेदनों को एक्ट के नियम-27 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति के समक्ष रखा जाता है. एक्ट के दायरे से बाहर तबादला प्रकरणों पर गुण-दोष के आधार पर समिति फैसला लेती है.