देहरादून: कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों का आंकड़ा जुटाना राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. ऐसे में विभिन्न संबंधित विभागों की मदद से ऐसे बच्चों का आंकड़ा जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. बात नेशनल कमीशन फॉर प्रोटक्शन आफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) की करें तो कमीशन की ओर से प्रदेश के सभी 13 जनपद से कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का आंकड़ा जुटाया गया है. इसमें 211 अनाथ बालक सामने आए हैं. वही बालिकाओं की संख्या 188 है. इस तरह अब तक कोरोना काल में अनाथ हुए 399 बच्चों का पता लगाया जा चुका है.
एनसीपीसीआर के इन आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सबसे अधिक संख्या हरिद्वार में मिली है. यहां 131 बच्चे अनाथ हुए हैं. इसके अलावा दूसरे स्थान पर 60 अनाथ बच्चों की संख्या के साथ जनपद देहरादून का नाम है. वहीं तीसरे स्थान पर जनपद टिहरी का नाम आता है जहां से एनसीपीसीआर को कोरोनाकाल में अनाथ हुए 49 बच्चों का पता चला है.
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गौरतलब है कि सूबे की तीरथ सिंह रावत सरकार की ओर से कुछ दिन पूर्व ही कोरोनाकाल में अनाथ हुए बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वात्सल्य योजना का एलान किया जा चुका है. इस योजना का अभी तक जीओ जारी नहीं हुआ है, लेकिन इस योजना के तहत सरकार कोरोनाकाल में अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के साथ ही उनके शिक्षा का खर्च भी उठाएगी. मगर इस योजना का लाभ हर जरूरतमंद बच्चे तक पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि सरकार के पास कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों का सही आंकड़ा हो. जिसे जुटाने के लिए कोशिश की जा रही है.