देहरादून: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के तत्वाधान में न्यायालय जिला मुख्यालय देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, डोईवाला और चकराता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न वादों को निस्तारण किया गया.
राष्ट्रीय लोक अदालत में काफी संख्या लोग मामलों के निस्तारण के लिए पहुंचे. लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय मामले, व्यवहारिक और कुटुंब न्यायालयों के मामले, धारा 138 एनआई एक्ट संबंधित मामले, बैंक और ऋण वसूली से संबंधित मामले, मोटर दुर्घटना प्रतिकार संबंधित मामले, दीवानी, राजस्व और श्रम संबंधित वाद, भूमि अर्जन के वाद, राजस्व संबंधित वाद, वेतन भत्ते एवं सेवानिवृत्ति से संबंधित वाद और अन्य मामले को समझौते के आधार पर निस्तारित किए गए.
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मामलों के निस्तारण के लिए अदालत में 14 पीठों का गठन किया गया था. इस लोक अदालत में कुल 2,044 मुकदमों का निस्तारण किया गया और 11 करोड़ 89 लाख 43 हजार 954 रुपए का समझौता हुआ. साथ ही लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के बैंक रिकवरी के मामले निस्तारित किए गए. अदालत में 18732 प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण आपसी समझौते के आधार पर किया गया. जिसमें 3,19,99,944 रुपए की रिकवरी भी की गई.
जिला जज प्रदीप पंत ने बताया कि देहरादून जिले के सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन के लिए काफी भीड़ उमड़ी. जनता लोक अदालत में आए लोगों के वाद का निस्तारण किया गया. लोक अदालत से लोगों का कोर्ट जाने में लगने वाला समय बचता है. लोक अदालत का निर्णय दोनों पार्टियों पर बाध्य होता है. लोक अदालत के आदेश अंतिम होते हैं. पक्षकारों को उनकी ओर से दिया गया न्याय शुल्क भी वापस किया जाता है.