देहरादून: उत्तराखंड की उत्तरकाशी की रहने वाली एथलीट बीना रावत खेलों में देश और प्रदेश का नाम रोशन करना चाहती हैं. बीना एक एथलीट हैं और उन्होंने खेलों में प्रतिभाग किया है. पहाड़ की इस बेटी का सपना यूं तो खेल में ऊंचा मुकाम हासिल करना था, लेकिन किस्मत और आर्थिक तंगी की वजह ने बीना को नौकरी करने पर मजबूर कर दिया है. बीना रावत ने आज सीएम आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की और पुलिस विभाग में नौकरी देने की मांग की है, जिससे वह अपना पूरा ध्यान खेल पर लगा सकें और वह भी देश का प्रतिनिधित्व कर नाम रोशन कर सकें.
उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक के ग्राम कुमाल्टी की रहने वाली बीना रावत फिलहाल पीआरडी में काम कर रही हैं. यहां उन्हें 6 से 8 महीने ही काम मिल पाता है. साल 2002 में जब बीना सातवीं कक्षा में थी तब उसने 3 हजार मीटर रेस में नेशनल स्तर पर हुए यूथ टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था. इसके बाद बीना ने अपना खेल जारी रखा, लेकिन परिवार के दबाव में आकर बीना को साल 2006 शादी करनी पड़ी.
बीना को इससे पहले ही खराब आर्थिक हालातों के कारण 9वीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ना पड़ा था. इसके बाद बीना ने शादी के बाद न केवल 10वीं की परीक्षा पास की बल्कि उन्होंने अपने खेल को लेकर प्रैक्टिस भी शुरू की. बीना ने अब तक करीब 8 स्टेट लेवल के टूर्नामेंट खेले हैं, जबकि करीब 4 जिला स्तर पर मैच में भी प्रतिभाग किया है.
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बता दें, बीना रावत एक एथलीट हैं. वह 3 हजार मीटर, 1500 मीटर और 800 मीटर की दौड़ में वह हिस्सा लेती हैं. मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स द्वारा आयोजित ऑल इंडिया रूरल स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में बीना ने प्रतिभाग किया था. बीना राज्य स्तर की तो कई प्रतियोगिता में प्रतिभाग भी कर चुकी हैं.
फिलहाल, कोविड-19 के कारण 2019 के बाद बीना कोई मैच नहीं खेल पाई हैं, लेकिन इससे पहले पौड़ी में हुए जिला लेवल के मैच में बीना ने हिस्सा लिया था. बीना कहती हैं कि उनके दो छोटे बच्चे हैं, इसलिए वह अपने खेल को बेहतर तरीके से आगे नहीं बढ़ा पा रही हैं.
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पति के देहांत के बाद नहीं टूटीं बीना: घर के दबाव के चलते बीना ने शादी की लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. साल 2015 में बीना रावत के पति का देहांत हो गया और उसके लिए अब रोजी-रोटी को चलाना और भी मुश्किल हो गया है. फिलहाल, कोविड-19 के कारण 2019 के बाद बीना कोई मैच नहीं खेल पाई हैं, लेकिन इससे पहले पौड़ी में हुए जिला लेवल के मैच में बीना ने हिस्सा लिया था.
बीना कहती हैं कि उनके दो छोटे बच्चे हैं, इसलिए वह अपने खेल को बेहतर तरीके से आगे नहीं बढ़ा पा रही हैं. ऐसे में उनका खेल आगे बढ़ पाएगा यह सरकार की दरियादिली पर ही निर्भर है. सरकार पुलिस विभाग में नौकरी देती है तो वह अपने खेल को आगे जारी रख सकेंगी. फिलहाल, बीना पीआरडी में नौकरी कर किसी तरह अपनी रोजी-रोटी चलाती हैं.
अब एथलीट बीना रावत ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनसे पुलिस विभाग में नौकरी देने की गुजारिश की है, ताकि वह अपना पूरा ध्यान खेल पर लगा सकें और अपने देश-प्रदेश का नाम रोशन कर सकें. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीना रावत को मदद का आश्वासन दिया है.