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रिहायशी इलाके में गुलदार की धमक रोकने के लिए वन प्रभाग ने शुरू की तैयारी, बनाया प्लान

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Published : Dec 10, 2021, 8:57 AM IST

Updated : Dec 10, 2021, 1:58 PM IST

डीएफओ राजीव धीमान (Narendranagar DFO Rajeev Dhiman) ने बताया कि गुलदार को रिहायशी इलाकों में घुसने से रोकना उनकी पहली प्राथमिकता है. जिसके लिए वो लगातार प्रयासरत रहेंगे.

rishikesh
उत्तराखंड वन विभाग

ऋषिकेश: नरेंद्रनगर वन प्रभाग (Narendranagar Forest Division) अंतर्गत रिहायशी इलाकों में गुलदार की धमक रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. वन विभाग का दावा है कि जल्दी ही ऐसे इंतजाम किए जाएंगे जिससे कि गुलदार रिहाइशी इलाकों की ओर रुख न करें.

दरअसल, चार्ज संभालने के बाद नरेंद्रनगर वन प्रभाग (Narendranagar Forest Division) के डीएफओ राजीव धीमान (Narendranagar DFO Rajeev Dhiman) ने बताया कि गुलदार को रिहायशी इलाकों में घुसने से रोकना उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने अपनी पूरी वन विभाग की टीम को इस बाबत अलर्ट कर दिया है. रात के साथ-साथ दिन में भी वन कर्मियों को गश्त करने के लिए निर्देशित किया गया है. गुलदार आखिरकार रिहायशी इलाकों का रुख क्यों कर रहे हैं, इसे जानने की कोशिश की जा रही है.

रिहायशी इलाके में गुलदार की धमक रोकने के लिए वन प्रभाग ने शुरू की तैयारी.

पढ़ें-द्वाराहाट इंजीनियरिंग कॉलेज में अनियमितता मामले पर HC में सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार पर जब गुलदार हमला करता है तो काफी दुख होता है. हालांकि इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के अलावा कुछ नहीं होता. इस प्रकार की घटनाओं पर विराम लगाना उनकी प्राथमिकता में है. वनाग्नि होने से करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो जाती है, जिन्हें कम करने का प्रयास किया जाएगा.

ऋषिकेश: नरेंद्रनगर वन प्रभाग (Narendranagar Forest Division) अंतर्गत रिहायशी इलाकों में गुलदार की धमक रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. वन विभाग का दावा है कि जल्दी ही ऐसे इंतजाम किए जाएंगे जिससे कि गुलदार रिहाइशी इलाकों की ओर रुख न करें.

दरअसल, चार्ज संभालने के बाद नरेंद्रनगर वन प्रभाग (Narendranagar Forest Division) के डीएफओ राजीव धीमान (Narendranagar DFO Rajeev Dhiman) ने बताया कि गुलदार को रिहायशी इलाकों में घुसने से रोकना उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने अपनी पूरी वन विभाग की टीम को इस बाबत अलर्ट कर दिया है. रात के साथ-साथ दिन में भी वन कर्मियों को गश्त करने के लिए निर्देशित किया गया है. गुलदार आखिरकार रिहायशी इलाकों का रुख क्यों कर रहे हैं, इसे जानने की कोशिश की जा रही है.

रिहायशी इलाके में गुलदार की धमक रोकने के लिए वन प्रभाग ने शुरू की तैयारी.

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उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार पर जब गुलदार हमला करता है तो काफी दुख होता है. हालांकि इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के अलावा कुछ नहीं होता. इस प्रकार की घटनाओं पर विराम लगाना उनकी प्राथमिकता में है. वनाग्नि होने से करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो जाती है, जिन्हें कम करने का प्रयास किया जाएगा.

Last Updated : Dec 10, 2021, 1:58 PM IST
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