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मसूरी ईको टैक्स टेंडर मामले में हाईकोर्ट सख्त, नगर पालिका ईओ को किया तलब

मसूरी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की मुश्किलें बढ़ गई है. कोलूखेत ईको टैक्स टेंडर मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सभी रिकॉर्ड के साथ 27 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए हैं.

Nainital high court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Apr 22, 2022, 10:21 PM IST

मसूरीः नैनीताल हाईकोर्ट ने मसूरी के कोलूखेत ईको टैक्स के टेंडर मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने मामले में मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को 27 अप्रैल को टेंडर के रिकॉर्ड के साथ अदालत में पेश होने का आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ में हुई.

दरअसल, मसूरी के कोलूखेत ईको टैक्स के टेंडर में हुए घपले को लेकर चौधरी ट्रेडर्स ने नैनीताल होईकोर्ट में जनहित याचिका डाली थी. जिसे नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. चौधरी ट्रेडर्स ने याचिका में कहा कि मसूरी नगर पालिका की ओर से कोलू खेत में ईको टैक्स वसूला जाता है. साल 2018 में यह ठेका पुराने ठेकेदार नवीन अग्रवाल को ही मात्र 2 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ आवंटित किया गया था. इसका टेंडर या तो निकाला ही नहीं जा रहा है या फिर उसे निरस्त कर दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः मसूरी यमुना पेयजल सवालों के घेरे, अधूरे काम से जनता परेशान

याचिका में कहा गया है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. क्योंकि, इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है. याचिका में ये भी कहा गया है कि इसको लेकर उन्होंने पालिका से लेकर डीएम और सरकार को प्रत्यावेदन दिया गया, लेकिन किसी की ओर से कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, याचिका में सरकार, सचिव शहरी विकास, मसूरी नगर पालिका परिषद, निदेशक शहरी विकास को भी पक्षकार बनाया गया है.

मसूरीः नैनीताल हाईकोर्ट ने मसूरी के कोलूखेत ईको टैक्स के टेंडर मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने मामले में मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी को 27 अप्रैल को टेंडर के रिकॉर्ड के साथ अदालत में पेश होने का आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ में हुई.

दरअसल, मसूरी के कोलूखेत ईको टैक्स के टेंडर में हुए घपले को लेकर चौधरी ट्रेडर्स ने नैनीताल होईकोर्ट में जनहित याचिका डाली थी. जिसे नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. चौधरी ट्रेडर्स ने याचिका में कहा कि मसूरी नगर पालिका की ओर से कोलू खेत में ईको टैक्स वसूला जाता है. साल 2018 में यह ठेका पुराने ठेकेदार नवीन अग्रवाल को ही मात्र 2 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ आवंटित किया गया था. इसका टेंडर या तो निकाला ही नहीं जा रहा है या फिर उसे निरस्त कर दिया जा रहा है.

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याचिका में कहा गया है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. क्योंकि, इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है. याचिका में ये भी कहा गया है कि इसको लेकर उन्होंने पालिका से लेकर डीएम और सरकार को प्रत्यावेदन दिया गया, लेकिन किसी की ओर से कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, याचिका में सरकार, सचिव शहरी विकास, मसूरी नगर पालिका परिषद, निदेशक शहरी विकास को भी पक्षकार बनाया गया है.

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