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देहरादून के एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में हाईकोर्ट सख्त, दोषी अधिकारियों पर गाज गिरनी तय - नैनीताल मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन

देहरादून के एमकेपी कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

Nainital High Court
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Published : Jun 18, 2020, 8:08 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 8:18 PM IST

नैनीताल: राजधानी देहरादून के एमकेपी महिला कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने तत्कालिक निदेशक, प्राचार्य और राज्य सरकार समेत यूजीसी को नोटिस जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को घोटाले के मामले में उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

बता दें, एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बेनीवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाया था. छात्रा का कहना है कि यूजीसी कि ₹ 45000 की ग्रांट एमकेपी कॉलेज में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की गई थी, लेकिन कॉलेज ने इसका इस्तेमाल किसी भी बुनियादी सुविधा के लिए नहीं किया. साथ ही यूजीसी द्वारा दिए गए इन पैसों का इस्तेमाल कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया.

देहरादून के एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में हाईकोर्ट सख्त.

याचिकाकर्ता ने बताया था कि कॉलेज में जो भी उपकरण मंगाए गए थे वह बिना टेंडर के हैं, जिनका कोई भी बिल पेश नहीं किया गया. राज्य सरकार के द्वारा कराए गए ऑडिट में भी गड़बड़ झाले की बात स्पष्ट हुई. वहीं, कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है.

इस घोटाले को लेकर 2016-17 में देहरादून के थाने में एफआईआर दर्ज की गई. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जनवरी 2019 में शासन की स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का सामान कॉलेज से गायब मिला. जिस कारण यूजीसी ने कॉलेज को दी जाने वाली पंचवर्षीय ग्रांड पर रोक लगा दी. लिहाजा, घोटाले के पूरे मामले की उच्च स्तरीय या एसआईटी जांच कराई जाए.

पढ़ें- चार बेटियां होने पर पति ने किया दूसरा निकाह, सौतन के उकसावे पर दिया तीन तलाक

मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने गबन के मामले पर राज्य सरकार, यूजीसी, कॉलेज के तत्कालीन निदेशक समेत कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस जारी किया है. साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि तत्काल मामले में उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही याचिका को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने निस्तारित कर दिया.

नैनीताल: राजधानी देहरादून के एमकेपी महिला कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने तत्कालिक निदेशक, प्राचार्य और राज्य सरकार समेत यूजीसी को नोटिस जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को घोटाले के मामले में उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

बता दें, एमकेपी कॉलेज की पूर्व छात्रा सोनिया बेनीवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कॉलेज प्रबंधन पर 45 लाख रुपए के गबन और घोटाले का आरोप लगाया था. छात्रा का कहना है कि यूजीसी कि ₹ 45000 की ग्रांट एमकेपी कॉलेज में छात्राओं की शिक्षा में सहूलियत के लिए जारी की गई थी, लेकिन कॉलेज ने इसका इस्तेमाल किसी भी बुनियादी सुविधा के लिए नहीं किया. साथ ही यूजीसी द्वारा दिए गए इन पैसों का इस्तेमाल कॉलेज के प्राचार्य ने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया.

देहरादून के एमकेपी कॉलेज घोटाला मामले में हाईकोर्ट सख्त.

याचिकाकर्ता ने बताया था कि कॉलेज में जो भी उपकरण मंगाए गए थे वह बिना टेंडर के हैं, जिनका कोई भी बिल पेश नहीं किया गया. राज्य सरकार के द्वारा कराए गए ऑडिट में भी गड़बड़ झाले की बात स्पष्ट हुई. वहीं, कॉलेज में हुए 45 लाख के घोटाले की पुष्टि सीएजी की रिपोर्ट में भी हुई है.

इस घोटाले को लेकर 2016-17 में देहरादून के थाने में एफआईआर दर्ज की गई. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. जनवरी 2019 में शासन की स्थलीय निरीक्षण के दौरान भी 7 लाख 68 हजार का सामान कॉलेज से गायब मिला. जिस कारण यूजीसी ने कॉलेज को दी जाने वाली पंचवर्षीय ग्रांड पर रोक लगा दी. लिहाजा, घोटाले के पूरे मामले की उच्च स्तरीय या एसआईटी जांच कराई जाए.

पढ़ें- चार बेटियां होने पर पति ने किया दूसरा निकाह, सौतन के उकसावे पर दिया तीन तलाक

मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने गबन के मामले पर राज्य सरकार, यूजीसी, कॉलेज के तत्कालीन निदेशक समेत कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस जारी किया है. साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि तत्काल मामले में उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. साथ ही याचिका को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने निस्तारित कर दिया.

Last Updated : Jun 18, 2020, 8:18 PM IST
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