देहरादून: नाबार्ड ने स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस मौके पर नाबार्ड ने प्रदेश के विकास के लिए रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में नाबार्ड ने 2023-24 में प्रदेश के लिए 30,301 करोड़ रुपए लोन देने का लक्ष्य रखा. रिपोर्ट में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड स्थापना के बाद नाबार्ड ने प्रदेश में 14,317 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में योगदान दिया है. वहीं पुलों के निर्माण व सुधार के लिए 27,042 मीटर पुलों के लिए आर्थिक मदद देने की बात कही.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 11,900 से अधिक गांवों को नाबार्ड ने लाभान्वित किया है, जबकि 24 लाख से अधिक लोगों के घरों में पानी पहुंचाने में वित्तीय मदद की है. वहीं दो लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि के लिए सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 206 से अधिक स्कूलों, आईआईटी, पॉलिटेक्निक के भवनों के निर्माण में नाबार्ड ने सहयोग किया है. साथ ही प्रदेश में 91 लघु उद्योग विकास कार्यक्रम के तहत 2580 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षित भी किया है.
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नाबार्ड के अधिकारियों ने बताया है कि प्रदेश में 132 एपीओ का संचालन हो रहा है. वहीं, रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 11 सेक्टर में 28,528 करोड़ रुपए का लोन दिए जाने के अनुमान है तो वहीं, अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30,301 करोड़ रुपए तमाम क्षेत्रों में लोन देने का अनुमान लगाया गया है.
बता दें कि जी-20 के कार्यक्रम के लिए डोमेस्टिक नॉलेज पार्टनर की जिम्मेदारी नाबार्ड को मिली है. जिसकी मेजबानी नाबार्ड करेगा. कार्यक्रम में पहुंचे कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि नाबार्ड द्वारा प्रदेश के किसान लगातार लाभान्वित हो रहे हैं. आने वाले दिनों में जो नाबार्ड द्वारा लक्ष्य रखा गया है, वह राज्य के कृषकों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.