देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग अपने किसी भी कार्यक्रम के दौरान अब केवल शाकहारी भोजन ही परोसेगा. विभाग ने भोजन की थाली में मांस न परोसने का फैसला लिया है. वन मुख्यालय द्वारा जारी इस आदेश के बाद अब विभाग की किसी भी कार्यशाला या दूसरे आयोजन के दौरान परोसा जाने वाला भोजन मांस रहित होगा.
उत्तराखंड वन मुख्यालय की तरफ से जारी आदेश कई मायनों में वन्य जीव संरक्षण को लेकर काफी अहम है. प्रमुख वन संरक्षक जयराज के इस आदेश में वन विभाग की विभागीय बैठक, कार्य चलाओ और दूसरे सरकारी समारोह में खानपान की व्यवस्था के दौरान मांस न परोसे जाने की बात कही गयी है.
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आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि वन विभाग के दायित्व में वन्यजीवों के संरक्षण का काम शामिल है लेकिन पालतू पशु, पक्षियों के प्रति भी संवेदना रखनी बेहद जरूरी है. आदेश में लिखा है कि यूं तो शाकाहार और मांसाहार एक व्यक्तिगत पसंद का विषय है लेकिन सरकारी खर्चे पर खानपान की व्यवस्था में इसमें कुछ भिन्नता होनी चाहिए. इसलिए यह आदेशित किया गया है कि वन मुख्यालय की तरफ से जो भी आयोजन किए जाएंगे या वन विभाग के तमाम गेस्ट हाउस में मांस नहीं परोसा जाएगा.
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यूं तो वन विभाग के गेस्ट हाउस में पहले ही मांस परोसा जाना वर्जित है. मगर अब अब वन विभाग के दूसरे कार्यक्रमों में भी इसे वर्जित कर दिया गया है.