मसूरी: उत्तराखंड में ओमीक्रोन की दस्तक के बाद से ही उत्तराखंड सरकार अलर्ट मोड पर है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगाया है. रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. वहीं मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजकर मसूरी में आज (30 दिसंबर) से 1 जनवरी तक रात्रि कर्फ्यू को हटाने की मांग की है.
ज्ञापन में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि मसूरी में बड़ी मुश्किलों से पर्यटन व्यवसाय लौटा है. ऐसे में जहां दिनभर पूरे बाजार खुले हुए हैं, वहीं नए साल के जश्न को लेकर पूर्व में ही कई होटल, रेस्टोरेंट और अन्य संस्थानों ने पर्यटकों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं. ऐसे में एकाएक ओमीक्रोन संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है. जिसका असर मसूरी और अन्य पर्यटन स्थलों में देखा जा रहा है. इससे कई होटलों में बुकिंग भी कैंसिल हो रही है. उन्होंने कहा कि 2 वर्ष से परेशान व्यापारियों को नए साल मनाने आने वाले सैलानियों से कुछ आस बंधी हुई थी, लेकिन सरकार द्वारा नाइट कर्फ्यू लगाए जाने से पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यापारी काफी मायूस हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार बिना सोचे समझे फैसला ले रही है. जब सभी बाजार दिनभर खुले हैं और बाजारों में लोगों की भीड़ है. ऐसे में नाइट कर्फ्यू लगाया जाना उचित नहीं है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आज (30 दिसंबर) से लेकर 1 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू हटाया जाए. जिससे मसूरी के समस्त व्यापारी, होमस्टे स्वामी, होटल स्वामी, टैक्सी चालक, रिक्शा चालक आदि अपना रोजगार कर सके. नए साल के जश्न मनाने के लिए लोग मसूरी, नैनीताल, ऋषिकेश, टिहरी और हरिद्वार आदि जगह बुकिंग करा चुके हैं. सोशल मीडिया में भी इसका विपरीत असर देखने को मिल रहा है, साथ ही उत्तराखंड की छवि भी खराब हो रही है.
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उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो समस्त व्यापारी सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू नहीं हटाया जाता तो आगामी 3 महीनों में कोई भी राजनीतिक सभा मसूरी में नहीं होगी.