मसूरीः शिफन कोर्ट के बेघर 84 परिवारों का धरना 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित हो गया है. बीते 23 दिनों से यह धरना मसूरी शहीद स्थल पर चल रहा था. एसडीएम कार्यालय में एसडीएम नंदन कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें निर्णय लिया गया कि 29 मार्च को नगर पालिका की बोर्ड बैठक कराई जाएगी. जिसमें आईडीएच में दी जाने वाली जगह को लेकर प्रस्ताव पास किया जाएगा. साथ ही हंस फाउंडेशन को सभी कागजात और नक्शा भेजा जाएगा.
आगामी 3 अप्रैल को हंस फाउंडेशन और मसूरी नगर पालिका के बीच एमओयू यानी समझौता ज्ञापन पर साइन किया जाएगा. इसके बाद टिहरी बाईपास रोड पर आईडीएच में शिफन कोर्ट के बेघर लोगों के लिए आवास बनाने का काम शुरू किया जाएगा. मसूरी एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि बैठक में सकारात्मक रवैया के साथ बेघर परिवारों के आवास बनाए जाने को लेकर सहमति बनाई गई है.
आईडीएच में 70 आवासों को हंस फाउंडेशन की ओर से हंस कॉलोनी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 84 परिवारों में से 18 परिवारों को पहले में ही नगर पालिका की ओर से आईडीएस में आवास उपलब्ध करा दिए गए हैं. जिसको लेकर रसीद देने की प्रक्रिया भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट के बेघर लोगों का धरना 23 दिनों से चल रहा था, जो अब स्थगित कर दिया गया है.
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वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के प्रतिनिधि के तौर पर मोहन पेटवाल ने कहा कि हंस फाउंडेशन के माध्यम से करीब 5 करोड़ 32 लाख की हंस कॉलोनी का निर्माण कराया जा रहा है. नगर पालिका से जमीन हंस फाउंडेशन को उपलब्ध कराई जाती तो आज तक मकान बनकर तैयार हो जाते. उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट को लेकर कांग्रेस बेवजह हो हल्ला मचा रही है. जबकि, साल 2008 में ही शिफन कोर्ट के लोगों को हटाने को लेकर कांग्रेस ने प्लान तैयार कर दिया था.
जिसके तहत शिफन कोर्ट की जमीन को तत्कालीन कांग्रेस की मसूरी नगर पालिका परिषद की बोर्ड ने पर्यटन विभाग को स्थानांतरित कर दिया था. उस समय के कांग्रेस के अध्यक्ष और बोर्ड ने पर्यटन विभाग को जमीन हस्तांतरित करते हुए शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों को विस्थापित किए जाने को लेकर कोई योजना नहीं बनाई थी. जिसका खामियाजा शिफन कोर्ट के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
उधर, शिफन कोर्ट बेघर परिवार समिति के संयोजक प्रदीप भंडारी ने कहा कि एसडीएम और मंत्री गणेश जोशी के प्रतिनिधि मोहन पेटवाल और पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी के बीच हुई वार्ता के बाद शिफन कोर्ट के लोगों ने धरना स्थगित कर दिया है. अगर बैठक में जो प्रस्ताव पास किए गए हैं, उसके तहत 3 अप्रैल को शिफन कोर्ट के बेघर लोगों के आवास बनाने का कार्य शुरू नहीं किया जाता तो एक बार फिर शिफन कोर्ट के बेघर लोग सड़कों पर उतरेंगे.