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एशिया के दूसरे सबसे बड़े रोपवे बनाने पर समर्थन, दून-मसूरी रोपवे को लेकर हुई लोक सुनवाई - Doon-Mussoorie ropeway will be the second longest ropeway in Asia

सोमवार को मसूरी के प्राचीन शिव मंदिर में दून-मसूरी रोपवे को लेकर लोक सुनवाई हुई. लोगों ने रोपवे के लिए सहमति के साथ ही समर्थन दिया.

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देहरादून
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Published : Aug 16, 2021, 7:35 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 10:49 PM IST

मसूरीः देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोपवे निर्माण में स्थानीय लोगों का पक्ष जानने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सौजन्य से लोक सुनवाई का आयोजन किया. लोक सुनवाई में सभी उपस्थित ग्रामीणों ने पूर्णरूप से प्रोजेक्ट को लगाए जाने पर सहमति के साथ ही समर्थन प्रदान किया. इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ ही क्षेत्र के विकास की मांग भी की गई.

कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए एडीएम जीसी गुणवंत की अध्यक्षता में सोमवार को पुरकुल स्थित प्राचीन शिव मंदिर में लोक सुनवाई का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि यह रोपवे दोनों शहरों के लिए रोमांच और पर्यटन की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला साबित होगा. वहीं, सबसे पहले मैसर्स मसूरी स्काई कार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने ग्रामीणों को रोपवे से होने वाले लाभ और परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक जारी, कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

रोजगार की मांगः ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि रोपवे से सृजित होने वाले रोजगार के अवसर में ग्रामीणों को प्राथमिकता देने के साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी काम किया जाए. जिस पर अवगत कराया गया कि ग्रामीणों को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के साथ क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा. रोपवे के निर्माण से बड़े पैमाने पर ढांचागत विकास होगा, जिससे मौजूदा क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. साथ ही मसूरी में भी इससे जुड़े कई विकास कार्य होंगे, जिसका पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा.

दिनभर में 10 घंटे का संचालन होगाः उन्होंने बताया कि रोपवे से पर्यटक सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त सफर कर सकेंगे. इसके साथ ही दून और मसूरी के बीच सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी देख सकेंगे. रोपवे से एक घंटे में दो हजार यात्री दोनों तरफ से सफर करेंगे. दिनभर में रोपवे का 10 घंटे तक संचालन किया जाएगा. वहीं, इस मौके पर यूटीडीबी के अधिकारियों ने ग्रामीणों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना और दीन दयाल उपाध्याय होमस्टे योजना के लिए आवेदन करने के बारे में भी बताया.

पर्यटकों को मिलेगी सुविधा, पर्यावरण का होगा बचाव: रोपवे निर्माण से पर्यटक दून से मसूरी 15 से 18 मिनट में पहुंच जाएंगे. इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारे के साथ ही सुरक्षित एवं पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात मिलेगा.

ये भी पढ़ेंः खुुशखबरीः उत्तराखंड के 16 मोटर मार्गों का होगा कायाकल्प, केंद्र से ₹13,366.15 लाख मंजूर

एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा दून-मसूरी रोपवेः देहरादून से मसूरी के बीच बनने वाला यह रोपवे देश का सबसे लंबा (5.5 किमी) तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा. यह हांगकांग के गोंगपिंग (5.7 किमी) से महज 100 मीटर ही छोटा है.

रोपवे निर्माण के लिए ग्रामीणों ने विशेष सहयोग देने के साथ सहमति भी जताई है. इसके लिए क्षेत्र के ग्रामीण बधाई के पात्र हैं. पुरकुल गांव में रोपवे बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है.

मसूरीः देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोपवे निर्माण में स्थानीय लोगों का पक्ष जानने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) ने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सौजन्य से लोक सुनवाई का आयोजन किया. लोक सुनवाई में सभी उपस्थित ग्रामीणों ने पूर्णरूप से प्रोजेक्ट को लगाए जाने पर सहमति के साथ ही समर्थन प्रदान किया. इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ ही क्षेत्र के विकास की मांग भी की गई.

कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए एडीएम जीसी गुणवंत की अध्यक्षता में सोमवार को पुरकुल स्थित प्राचीन शिव मंदिर में लोक सुनवाई का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि यह रोपवे दोनों शहरों के लिए रोमांच और पर्यटन की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला साबित होगा. वहीं, सबसे पहले मैसर्स मसूरी स्काई कार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने ग्रामीणों को रोपवे से होने वाले लाभ और परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.

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रोजगार की मांगः ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि रोपवे से सृजित होने वाले रोजगार के अवसर में ग्रामीणों को प्राथमिकता देने के साथ क्षेत्र के विकास के लिए भी काम किया जाए. जिस पर अवगत कराया गया कि ग्रामीणों को रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के साथ क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा. रोपवे के निर्माण से बड़े पैमाने पर ढांचागत विकास होगा, जिससे मौजूदा क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. साथ ही मसूरी में भी इससे जुड़े कई विकास कार्य होंगे, जिसका पर्यटकों और स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा.

दिनभर में 10 घंटे का संचालन होगाः उन्होंने बताया कि रोपवे से पर्यटक सुरक्षित व प्रदूषण मुक्त सफर कर सकेंगे. इसके साथ ही दून और मसूरी के बीच सुंदर प्राकृतिक दृश्य भी देख सकेंगे. रोपवे से एक घंटे में दो हजार यात्री दोनों तरफ से सफर करेंगे. दिनभर में रोपवे का 10 घंटे तक संचालन किया जाएगा. वहीं, इस मौके पर यूटीडीबी के अधिकारियों ने ग्रामीणों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना और दीन दयाल उपाध्याय होमस्टे योजना के लिए आवेदन करने के बारे में भी बताया.

पर्यटकों को मिलेगी सुविधा, पर्यावरण का होगा बचाव: रोपवे निर्माण से पर्यटक दून से मसूरी 15 से 18 मिनट में पहुंच जाएंगे. इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारे के साथ ही सुरक्षित एवं पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात मिलेगा.

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एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा दून-मसूरी रोपवेः देहरादून से मसूरी के बीच बनने वाला यह रोपवे देश का सबसे लंबा (5.5 किमी) तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा रोपवे होगा. यह हांगकांग के गोंगपिंग (5.7 किमी) से महज 100 मीटर ही छोटा है.

रोपवे निर्माण के लिए ग्रामीणों ने विशेष सहयोग देने के साथ सहमति भी जताई है. इसके लिए क्षेत्र के ग्रामीण बधाई के पात्र हैं. पुरकुल गांव में रोपवे बनने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ क्षेत्र का तेजी से विकास होगा. विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है.

Last Updated : Aug 16, 2021, 10:49 PM IST
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