मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में स्वच्छता के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है. इस मामले में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मसूरी नगर पालिका साल 2009 से कोलूखेत में बैरियर लगाकर लोगों से इको टैक्स वसूल रही है. इको टैक्स का ये पैसा मसूरी की स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किया जाना था.
रजत अग्रवाल का आरोप है कि इको टैक्स के नाम पर लोगों से जो पैसे की वसूली की जा रही है, उस पैसे को मसूरी नगर पालिका अन्य कामों में लगा रही है. वर्तमान में पालिका का इको टैक्स से 2 करोड़ 10 लाख रुपए आ रहे हैं. मसूरी नगर पालिका के अधिकारी इस पैसे का कोई हिसाब नहीं देते है.
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रजत अग्रवाल ने बताया कि हिमालयन इंस्टिट्यूट के माध्यम से मसूरी में कूड़ा प्रबंधन का काम किया जाता है. इसके लिए नगर पालिका द्वारा 29 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. लेकिन, यह कर्मचारी कहां है, यह किसी को नहीं पता है. उन्होंने जब इन कर्मचारियों की लिस्ट मांगी तो वह भी उनको उपलब्ध नहीं कराई गई है.
उन्होंने कहा कि मसूरी नगर पालिका कूड़ा प्रबंधन करने में पूरी तरीके से फेल है और सिर्फ कागजी कार्रवाई की जा रही है. मसूरी में डस्टबीन की भारी कमी है. मसूरी के ऐतिहासिक भट्टा और झडीपानी फॉल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारी इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे है.
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उन्होंने कहा कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के हाल बेहाल है. नगर पालिका द्वारा कूड़ा प्रबंधन को लेकर बड़ा घोटाला किया जा रहा है. उन्होंने जल्द ही इस पूरे घोटाले का खुलासा करने का ऐलान किया है. इसको लेकर उनके द्वारा एक बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा. स्वच्छता के नाम पर कौन-कौन सी संस्थाएं काम कर रही है और उनको किस तरीके से पैसा दिया जा रहा है. इसको लेकर नगर पालिका पारदर्शिता अपनाएं.