मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में तीन दिवसीय माउंटेन फेस्टिवल का आगाज हो गया है. ये फेस्टिवल हनिफल सेंटर फाॅर आउटडोर एजुकेशन एंड एनवायरमेंटल स्टडी और वुड स्टॉक स्कूल द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इसमें दुनिया भर के जाने-माने 50 से अधिक लेखक, कवि, इतिहासकार, पर्वतारोही, खोजकर्ता, संगीतकार और फोटोग्राफर वर्चुअली भाग ले रहे हैं.
बता दें कि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीन दिवसीय मसूरी माउंटेन फेस्टिवल का आयोजन पहली बार ऑनलाइन किया जा रहा है. कार्यक्रम की शुरुआत नागालैंड की टेटसो सिस्टर्स के लोकगीत से हुई.
ब्रिटिश पर्वतारोही क्रिस बोनिंगनट ने की हरीश कपाड़िया से बात
इसके बाद ब्रिटिश पर्वतारोही क्रिस बोनिंगटन और हरीश कपाड़िया के बीच बातचीत हुई. इस दौरान यूनाइटेड किंगडम के एक प्रसिद्ध पर्वतारोही बोनिंगटन ने बताया कि किस तरह उन्होंने चढ़ाई शुरू की और आखिरकार अन्नपूर्णा के साउथ फेस और एवरेस्ट के साउथ वेस्ट फेस पर सफल अभियानों का नेतृत्व किया.
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वहीं, कार्यक्रम में हिमांशु जोशी ने कुमाऊं के लोकगीतों की प्रस्तुति दी. उनके गीतों ने कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों का मन मोह लिया. वहीं, फेस्टिवल के संस्थापक निदेशक स्टीफन ऑल्टर ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार सभी प्रस्तुतियों को ऑनलाइन आयोजित किया गया. उनको उम्मीद है कि मसूरी माउंटेन फेस्टिवल दर्शकों के लिए आकर्षक का केंद्र बनेगा. फेस्टिवल में संगीत के प्रदर्शनों से लेकर प्रख्यात पर्वतारोहियों और संरक्षणवादियों से दर्शकों ने वार्ता भी की.