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मसूरी के 46 होटल तय सीमा से अधिक यूज कर रहे पानी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लेगा एक्शन!

पहाड़ों की रानी मसूरी में 46 होटल तय सीमा से अधिक पानी का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन होटलों पर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने जा रहा है.

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Published : Apr 25, 2023, 10:18 AM IST

मसूरी: 46 होटलों को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जो मसूरी के प्राकृतिक स्रोत का पानी टैंकरों के जरिए खरीद रहे हैं और अपने होटलों को संचालित करने के लिए उपयोग कर रहे हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन करते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) द्वारा सौंपी गई कार्रवाई रिपोर्ट के अनुसार, पहाड़ों की रानी में संचालित 282 होटलों में से केवल 130 होटल की पानी की आवश्यकता जल संस्थान द्वारा निर्धारित आपूर्ति सीमा के भीतर पाई गई है. जबकि शेष 106 होटलों का मूल्यांकन 15 दिन के भीतर पूरा कर लिया जाएगा.

होटलों से कहा गया है कि वे या तो जल संस्थान को सूचित करके अपनी पानी की आवश्यकता को अपडेट करें या अपने आवंटन के अनुसार पानी का उपयोग करें. क्योंकि अतिरिक्त पानी खरीदने से शहर के प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव पड़ सकता है. होटलों से ये भी कहा गया है कि वे जल संस्थान को सूचित कर निर्धारित क्षमता के अनुसार पानी का उपयोग करें.
ये भी पढ़ें: ट्रैफिक को लेकर मसूरी पुलिस का एक्शन प्लान, ₹32 करोड़ से बनी पार्किंग होगी संचालित

यूकेपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी राजकुमार चतुर्वेदी ने पत्र लिखकर बोर्ड सचिव एसके पटनायक को कहा है कि अगर 45 होटलों ने नोटिस का पालन नहीं किया तो उनके अतिरिक्त कमरों को जिला प्रशासन की मदद से सील कर दिया जाएगा. एनजीटी ने 12 जनवरी को मामले की पिछली सुनवाई में यूकेपीसीबी और जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि कोई भी निजी वेंडर टैंकरों के माध्यम से मसूरी के प्राकृतिक स्रोतों से पानी ना भरे, ताकि व्यावसायिक उपयोग के लिए होटलों को आपूर्ति ना किया जा सके. चतुर्वेदी ने एनजीटी को सूचित किया था कि गढ़वाल जल संस्थान ने निजी वेंडरों द्वारा स्रोत से पानी निकालने की अस्थायी प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है.

मसूरी: 46 होटलों को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जो मसूरी के प्राकृतिक स्रोत का पानी टैंकरों के जरिए खरीद रहे हैं और अपने होटलों को संचालित करने के लिए उपयोग कर रहे हैं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन करते हुए उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीसीबी) द्वारा सौंपी गई कार्रवाई रिपोर्ट के अनुसार, पहाड़ों की रानी में संचालित 282 होटलों में से केवल 130 होटल की पानी की आवश्यकता जल संस्थान द्वारा निर्धारित आपूर्ति सीमा के भीतर पाई गई है. जबकि शेष 106 होटलों का मूल्यांकन 15 दिन के भीतर पूरा कर लिया जाएगा.

होटलों से कहा गया है कि वे या तो जल संस्थान को सूचित करके अपनी पानी की आवश्यकता को अपडेट करें या अपने आवंटन के अनुसार पानी का उपयोग करें. क्योंकि अतिरिक्त पानी खरीदने से शहर के प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव पड़ सकता है. होटलों से ये भी कहा गया है कि वे जल संस्थान को सूचित कर निर्धारित क्षमता के अनुसार पानी का उपयोग करें.
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यूकेपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी राजकुमार चतुर्वेदी ने पत्र लिखकर बोर्ड सचिव एसके पटनायक को कहा है कि अगर 45 होटलों ने नोटिस का पालन नहीं किया तो उनके अतिरिक्त कमरों को जिला प्रशासन की मदद से सील कर दिया जाएगा. एनजीटी ने 12 जनवरी को मामले की पिछली सुनवाई में यूकेपीसीबी और जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि कोई भी निजी वेंडर टैंकरों के माध्यम से मसूरी के प्राकृतिक स्रोतों से पानी ना भरे, ताकि व्यावसायिक उपयोग के लिए होटलों को आपूर्ति ना किया जा सके. चतुर्वेदी ने एनजीटी को सूचित किया था कि गढ़वाल जल संस्थान ने निजी वेंडरों द्वारा स्रोत से पानी निकालने की अस्थायी प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है.

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