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CAA विरोध: परेड ग्राउंड में मुस्लिम समुदाय की सभा, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - देहरादून में सीएए का विरोध

देहरादून के परेड ग्राउंड में मुस्लिम समाज के लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक सभा का आयोजन किया. इसके साथ ही राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा.

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सभा का आयोजन
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Published : Dec 31, 2019, 8:09 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 8:43 AM IST

देहरादून: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में तंजीम-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन के नेतृत्व में सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक सभा का आयोजन किया. इस सभा का आयोजन परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर किया गया. साथ ही सभा में मुस्लिम समाज के लोगों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा.

सभा का आयोजन

तंजील-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन ने बताया कि सरकार नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी और अब एनपीआर जैसे काले कानून को अविलंब वापस ले. पूरे भारत में हो रहे इस काले कानून के खिलाफ लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार और विशेषकर उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए. लताफत हुसैन ने कहा कि ये काला कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 26 का उल्लंघन है, जो देश की एकता भाईचारा अखंडता को तोड़ने का घातक प्रयास है.

ये भी पढ़ें: देहरादूनः नववर्ष पर यातायात में भारी बदलाव, प्रशासन ने तैयार किए ये प्लान

इसके अलावा राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में तंजीम-ए-रैहनुमान-ए-मिल्लत के सदस्यों ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून मुस्लिम समाज को दोहरा नागरिक बनाने, लोगों को बांटने और धर्मवाद को बढ़ावा देने के अलावा देश में असुरक्षा को बढ़ावा देने वाला कानून है. ये कैसा कानून है, जिसमें देशवासियों को इस बात का प्रमाण देना पड़ेगा कि हम भारतीय हैं.

देहरादून: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में तंजीम-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन के नेतृत्व में सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक सभा का आयोजन किया. इस सभा का आयोजन परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर किया गया. साथ ही सभा में मुस्लिम समाज के लोगों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा.

सभा का आयोजन

तंजील-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन ने बताया कि सरकार नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी और अब एनपीआर जैसे काले कानून को अविलंब वापस ले. पूरे भारत में हो रहे इस काले कानून के खिलाफ लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार और विशेषकर उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए. लताफत हुसैन ने कहा कि ये काला कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 26 का उल्लंघन है, जो देश की एकता भाईचारा अखंडता को तोड़ने का घातक प्रयास है.

ये भी पढ़ें: देहरादूनः नववर्ष पर यातायात में भारी बदलाव, प्रशासन ने तैयार किए ये प्लान

इसके अलावा राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में तंजीम-ए-रैहनुमान-ए-मिल्लत के सदस्यों ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून मुस्लिम समाज को दोहरा नागरिक बनाने, लोगों को बांटने और धर्मवाद को बढ़ावा देने के अलावा देश में असुरक्षा को बढ़ावा देने वाला कानून है. ये कैसा कानून है, जिसमें देशवासियों को इस बात का प्रमाण देना पड़ेगा कि हम भारतीय हैं.

Intro: देहरादून में नागरिक संशोधन कानून के विरोध में तंजीम -ए-रैहनुमा- ए- मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन के नेतृत्व में सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर एक सभा का आयोजन किया।
summary- प्रदेश में एक तरफ जहां नागरिक संशोधन कानून का समर्थन हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसके विरोध में परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर एक सभा का आयोजन किया जहां मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा।


Body:वहीं तंजील ए रैहनुमा ए मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी और अब एनपीआर जैसे काले कानून को अविलंब वापस ले। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में हो रहे इस काले कानून के खिलाफ लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकारों और विशेषकर उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए। लताफत हुसैन ने कहा कि यह काला कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 26 का उल्लंघन है जो देश की एकता भाईचारा अखंडता को तोड़ने का घातक प्रयास है।

बाईट-लताफत हुसैन,केंद्रीय अध्यक्ष, तंजीम-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत,देहरादून


Conclusion:इसके अलावा राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में तंजीम- ए-रैहनुमान- ए- मिल्लत के सदस्यों ने कहा है कि नागरिक संशोधन कानून मुस्लिम समाज को दोहरा नागरिक बनाने लोगों को बांटने और धर्मवाद को बढ़ावा देने के अलावा देश में और सुरक्षा का माहौल पैदा करने का एक प्रयास है। आखिर यह कैसा कानून है कि बाहर के कुछ देशों को नागरिकता दी जाए और देशवासियों को इस बात का भी प्रमाण देना पड़ेगी हम भारतीय हैं।
Last Updated : Dec 31, 2019, 8:43 AM IST
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