देहरादून: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में तंजीम-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन के नेतृत्व में सैकड़ों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक सभा का आयोजन किया. इस सभा का आयोजन परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर किया गया. साथ ही सभा में मुस्लिम समाज के लोगों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा.
तंजील-ए-रैहनुमा-ए-मिल्लत के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन ने बताया कि सरकार नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी और अब एनपीआर जैसे काले कानून को अविलंब वापस ले. पूरे भारत में हो रहे इस काले कानून के खिलाफ लोकतांत्रिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार और विशेषकर उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार को तुरंत रोका जाए. लताफत हुसैन ने कहा कि ये काला कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 26 का उल्लंघन है, जो देश की एकता भाईचारा अखंडता को तोड़ने का घातक प्रयास है.
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इसके अलावा राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में तंजीम-ए-रैहनुमान-ए-मिल्लत के सदस्यों ने बताया कि नागरिक संशोधन कानून मुस्लिम समाज को दोहरा नागरिक बनाने, लोगों को बांटने और धर्मवाद को बढ़ावा देने के अलावा देश में असुरक्षा को बढ़ावा देने वाला कानून है. ये कैसा कानून है, जिसमें देशवासियों को इस बात का प्रमाण देना पड़ेगा कि हम भारतीय हैं.