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तीर्थनगरी में महिलाओं ने पेश की मिशाल, मशरूम प्लांट लगाकर शुरू किया स्वरोजगार - लेटेस्ट न्यूज

ट्रेनिंग और कार्य शुरू करने के लिए महिलाओं ने समूह के माध्यम से स्वयं बजट जुटाया है, जिसके साथ ही महिलाओं ने मशरूम प्लांट लगाकर स्वरोजगार की शुरूआत कर दी है.

महिलाओं ने पेश की मिशाल
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Published : Feb 13, 2019, 3:10 AM IST

ऋषिकेश: किसी कार्य को करने के लिए यदि दृढ़ संकल्प ले लिया जाए, तो मंजिल तक पहुंचना कठिन नही होता है. इस बात को तीर्थनगरी के साहबनगर में स्वयं सहायता संगठन की महिलाओं ने राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत मशरूम प्लांट में उत्पादन शुरू करके साबित कर दिया है. इस समूह की महिलाओं की मेहनत से इस प्लांट का काम चालू हो गया है, जिसके बाद महिलाओं को अपनी आजीविका सुधारने में काफी मदद मिलने वाली है.

महिलाओं ने पेश की मिशाल.
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छिद्दरवाला के साहबनगर में राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का मशरूम प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया. प्लांट में जब मशरूम की पहली खेप उगी तो मिशन से जुड़ी महिलाओं की खुशी का ठिकाना न रहा, साथ ही पहली बार लगभग 10 किलो डूंगरी मशरूम उगायी गई. मशरूम के बेहतर उत्पादन और बढ़ती डिमांड को देखते महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम संगठन की अध्यक्ष आशा कुड़ियाल ने बताया कि ट्रेनिंग और कार्य शुरू करने के लिए महिलाओं ने समूह के माध्यम से स्वयं बजट जुटाया है. इस कार्य के शुरू होने के बाद महिलाओं में खासा उत्साह है. महिलाओं का कहना है कि यह उनके रोजगार का मुख्य साधन बन सकता है. इसके लिए अब सभी गांव में रहने वाली महिलाओं को इस रोजगार से जोड़ा जाएगा, जिससे सभी को इस तरह के रोजगार के बारे में पता चल सके और वह अपना आजीविका चला सके.

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ऋषिकेश: किसी कार्य को करने के लिए यदि दृढ़ संकल्प ले लिया जाए, तो मंजिल तक पहुंचना कठिन नही होता है. इस बात को तीर्थनगरी के साहबनगर में स्वयं सहायता संगठन की महिलाओं ने राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत मशरूम प्लांट में उत्पादन शुरू करके साबित कर दिया है. इस समूह की महिलाओं की मेहनत से इस प्लांट का काम चालू हो गया है, जिसके बाद महिलाओं को अपनी आजीविका सुधारने में काफी मदद मिलने वाली है.

महिलाओं ने पेश की मिशाल.
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छिद्दरवाला के साहबनगर में राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का मशरूम प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया. प्लांट में जब मशरूम की पहली खेप उगी तो मिशन से जुड़ी महिलाओं की खुशी का ठिकाना न रहा, साथ ही पहली बार लगभग 10 किलो डूंगरी मशरूम उगायी गई. मशरूम के बेहतर उत्पादन और बढ़ती डिमांड को देखते महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम संगठन की अध्यक्ष आशा कुड़ियाल ने बताया कि ट्रेनिंग और कार्य शुरू करने के लिए महिलाओं ने समूह के माध्यम से स्वयं बजट जुटाया है. इस कार्य के शुरू होने के बाद महिलाओं में खासा उत्साह है. महिलाओं का कहना है कि यह उनके रोजगार का मुख्य साधन बन सकता है. इसके लिए अब सभी गांव में रहने वाली महिलाओं को इस रोजगार से जोड़ा जाएगा, जिससे सभी को इस तरह के रोजगार के बारे में पता चल सके और वह अपना आजीविका चला सके.

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महिलाओं द्वारा स्थापित मशरूम प्लांट में उगने लगी मशरूम,
खुद ही शुरु किया स्वरोजगार


ऋषिकेश,राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा साहबनगर में स्थापित मशरूम प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया है। समूह की महिलाओं की मेहनत रंग लाने लगी है। जिसके चलते अब मशरूम का उत्पादन शुरू हो गया है। अब महिलाओं को अपनी आजीविका सुधारने में काफी मदद मिलेगी। 


कहते हैं कि किसी कार्य को करने के लिए यदि दृढ़ संकल्प ले लिया जाए तो मंजिल तक पहुंचना कठिन नही होता है। इसका जीता जागता सबूत उस समय देखने को मिला जब छिद्दरवाला के साहबनगर में राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्थापित मशरूम प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया। प्लांट में जब मशरूम की पहली खेप उगी तो मिशन से जुड़ी महिलाओं की खुशी का ठिकाना न था। पहली बार करीब 10 किलो डूंगरी मशरूम उगी। प्लांट में बटन मशरूम भी बोई गई है जिसकी पहली खेप भी तैयारी पर है। वहीं मशरूम के बहतर उत्पादन और बढ़ती डिमांड को देखते समूह की महिलाओं में काफी उत्साह देखने को मिला।



क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम संगठन की अध्यक्ष आशा कुड़ियाल ने बताया कि ट्रेनिग व कार्य शुरू करने के लिए महिलाओं ने समूह के माध्यम से स्वयं बजट जुटाया है। इस कार्य के शुरू होने के बाद महिलाओं में खासा उत्साह है उनका कहना है कि यह उनके रोजगार का मुख्य साधन बन सकता है इसके लिए अब सभी महिलाएं गांव में रहने वाली महिलाओं को इस रोजगार से जोड़ेंगे ताकि सभी को इस तरह के रोजगार के बारे में पता चल सके और वह अपना आजीविका चला सके।

बाईट--आशा कुड़ियाल( क्षेत्र पंचायत सदस्य)
बाईट--पूनम रावत(ग्रामीण महिला)
बाईट--आरती माझी(सचिव ग्राम समूह संगठन)
बाईट--मनु थापा(ग्रामीण महिला)

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                       विनय पाण्डेय ऋषिकेश


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