ऋषिकेश: नगर निगम का गठन होने के बाद क्षेत्र का विस्तारीकरण करते हुए ऋषिकेश ग्राम सभा को नगर निगम में शामिल किया गया. ग्रामीणों की उम्मीद थी कि उनको बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी, लेकिन निगम में शामिल होने के बाद भी कई ग्रामीण क्षेत्र अंधेरे में डूबे हुए हैं. क्षेत्रीय जनता कई बार नगर निगम से लाइट लगाने की मांग कर चुकी है, इसके बावजूद उनकी मांगों पर गौर नहीं गया. थक हारकर स्थानीय पार्षदों ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल से गुहार लगाई, जिसके बाद उन्हें लाइटें मिली हैं.जिसको लेकर ग्रामीणों ने विधानसभा अध्यक्ष का आभार जताया है.
बता दें कि नगर निगम के गठन को एक वर्ष बीत गया है, इसके बावजूद कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनको मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. नगर पालिका का क्षेत्र विस्तार करते हुए ऋषिकेश का नगर निगम बनाया गया. जिसमें ऋषिकेश के शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस क्षेत्र में शामिल किए गए. नगर निगम में शामिल होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उनको मूलभूत सुविधाएं आसानी से मिल सकेगी. लेकिन आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. वहीं नगर निगम के कुछ वार्ड ऐसे हैं, जहां पर लाइटों की समस्या है. जिस कारण शाम ढ़लते ही सड़कों पर अंधेरा छा जाता है. वहीं इन क्षेत्रों में अंधेरा होने की वजह से जंगली जानवरों का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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पार्षद लव कंबोज ने बताया कि काफी समय से लाइट न होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जिसके चलते उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से लाइटों की डिमांड की थी. लोगों की समस्या को देखते हुए उन्होंने 8 वार्ड के पार्षदों को लाइट दी हैं. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने बताया कि नगर निगम में शामिल हुए कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लाइटों की समस्या थी वहां के लोग लगातार लाइटों की डिमांड कर रहे थे .यही कारण है कि उनके द्वारा एक बार 200 और फिर दूसरी बार 170 स्ट्रीट लाइटें दी गई हैं. जो अब क्षेत्र में लग चुकी हैं.