देहरादून: नौ महीने बाद सोमवार को हुई देहरादून नगर निगम की बोर्ड बैठक हंगामेदार रही. बैठक में बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों के बीच जमकर कहासुनी हुई. कांग्रेस के पार्षदों ने जहां मेयर और नगर आयुक्त पर समय न देने का आरोप लगाया तो वही क्षेत्र में किये जा रहे विकास कार्यों में भी पक्षपात करने का मुद्दा उठाया.
हंगामे के बीच देहरादून नगर निगम की बोर्ड बैठक में कुल 27 प्रस्तावों पर चर्चा हुई. सभी प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई. इन प्रस्तावों में जहां जनवरी तक 65 हजार स्ट्रीट लाइटों को लगाया जाने पर सहमति बनी तो वहीं वेडिंग जोन और नए वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा उठान पर भी सहमति बनी.
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इसके साथ ही बोर्ड बैठक में पार्कों के सौन्दरीयकरण, सफाई कर्मचारियों के पांच हजार रुपए का मानदेय, ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए मुख्य चौराहों को सिग्नल फ्री किये जाने पर भी सहमति बनी. नगर निगम के सभी वार्डों में स्ट्रीट लाइटों के लिए 100 टाइमर के प्रस्ताव की मंजूरी मिली है. जिसके लिए 49 लाख 50 हजार रुपए की स्वीकृति हुई है.
वहीं कोरोना काल में नगर निगम क्षेत्र में पॉलीथिन का प्रयोग भी बढ़ा है. जिसे प्रतिबंधित करने के लिए दोबार से अभियान चलाने के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी है. प्लास्टिक और पोलोथिन उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.
मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि बोर्ड बैठक में शहर की सफाई पर फोकस रहा है. क्योंकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 जनवरी के शुरू में हो जाएगा. उसके लिए सभी अधिकारियों को पहले भी कहा गया है. सोमवार की बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों से भी अनुरोध किया गया है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का नाम फिर रोशन हो इसके लिए सभी प्रयास करें,. इसके अलावा देहरादून में ट्रैफिक की काफी समस्या है.