देहरादून: देशभर में चर्चित बुली बाई ऐप (Bulli Bai App case) मामले में मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से दो गिरफ्तारियां की हैं. इसके साथ ही पूरे उत्तराखंड में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि अब तक मामले में कुल तीन गिरफ्तारियां हुई हैं जिनमें से एक गिरफ्तारी बेंगलुरू और दो उत्तराखंड से हुई हैं. मुंबई पुलिस की गिरफ्त में आया मयंक दिल्ली के एक कॉलेज में पढ़ता है. मयंक बीएससी का छात्र बताया जा रहा है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता डीआईजी सेंथिल अबुदई ने बताया कि बुली बाई एप (Bulli Bai App) में पोस्ट डालने के आरोप में कोटद्वार के मयंक रावत को मुंबई पुलिस की साइबर टीम ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस से सहयोग मांगा था, जिसके चलते कार्रवाई की गई है.
आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड में लिया जाएगा: उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक, बुली बाई एप (Bulli Bai App case) में पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कोटद्वार निवासी मयंक रावत को स्थानीय अदालत में पेश कर ट्रांजिट रिमांड के बाद मुंबई पुलिस अपने साथ ले जाएगी.
वहीं, इस मामले में मुंबई पुलिस ने आईपीसी 153ए, 153बी, 295ए, 509, 500, 354डी, और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत केस दर्ज किया है. यह सब गंभीर धाराएं हैं.
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मुंबई पुलिस के संपर्क में उत्तराखंड पुलिस: उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता सेंथिल अबुदई के मुताबिक, बुली बाई एप मामले में उधम सिंह नगर के रुद्रपुर से एक युवती और कोटद्वार से मयंक रावत नाम के छात्र की गिरफ्तारी के साथ-साथ अन्य किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए मुंबई पुलिस को हर तरह का सहयोग देने के लिए राज्य पुलिस के सभी थाना चौकी को निर्देशित किया गया है.
पैसों के लालच में किया गलत काम: वहीं, उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि रुद्रपुर से गिरफ्तार युवती गरीब परिवार से है और कोरोना काल में उसके पिता का निधन हो गया था. ऐसे में प्रतीत होता है कि युवकी ने पैसों के लालच में इस तरह की गतिविधियों में शामिल हुई.
मुंबई पुलिस का बड़ा खुलासा: मुंबई पुलिस ने 'बुली बाई' मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इंटरनेट पर बुली बाई नाम से एक एप्लिकेशन तैयार किया गया था. इस एप्लिकेशन पर मुस्लिम महिलाओं के फोटो अपलोड किए जाते थे और उनको बदनाम किए जाने जैसे मैसेज किए जाते थे. इस एप पर पत्रकारों सहित 100 प्रमुख मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें नीलामी के लिए अपलोड की गईं थीं.
पुलिस ने बताया कि 31 दिसंबर को ये एप्लिकेशन तैयार किया गया था. इसके बाद जांच के दौरान ट्विटर पर पाया गया कि उस पर बुली बाई एप्लिकेशन का हैंडल बनाया गया है. इस ट्विटर अकाउंट को एनालाइज किया गया और उसके फॉलोअर्स की जांच में विशाल कुमार झा का पता चला. इस एप्लिकेशन के पांच फॉलोअर्स थे. जांच के दौरान एक-एक कर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. इस मामले में सबसे पहले बैंगलोर से 21 वर्षीय विशाल कुमार झा को गिरफ्तार किया गया. फिर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर से 18 वर्षीय युवती और पौड़ी जिले के कोटद्वार से एक 20 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल जांच जारी है.
अबतक की कार्रवाई: इससे पहले मंगलवार को मुंबई पुलिस की साइबर टीम ने उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर से बुली बाई एप का संचालन करने वाली एक युवती को गिरफ्तार किया. रुद्रपुर के वॉर्ड नंबर-14 आदर्श कॉलोनी में रहने वाली 18 वर्षीय इस युवती का संपर्क बेंगलुरु से गिरफ्तार किए गए 21 साल के आरोपी विशाल कुमार झा से था. लड़की ने पुलिस को बताया कि जहां से बुली बाई ऐप का अकाउंट जनरेट हुआ है, वो उसके भी संपर्क में थी और बेंगलुरु से गिरफ्तार विशाल कुमार से भी उसकी बातचीत होती थी. विशाल कुमार को दो दिन पहले ही मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था.
ऐसे चलता है खर्चा: पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार युवती के पिता की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. माता की मौत 2011 में कैंसर से हो गई थी. उसकी दो बहनें और एक भाई है. सभी पढ़ाई कर रहे हैं. उसके परिवार का खर्च वात्सल्य योजना के तीन हजार रुपये और पिता की कंपनी की ओर से दिए जाने वाले 10 हजार रुपये से चलता है.
गिरफ्तार युवती तीन बहनों में दूसरे नंबर की है. उसका एक छोटा भाई भी है. पिता की मौत कोविड से हुई थी. सभी मूलरूप से बुलंदशहर की निवासी हैं और 18 साल से उसका परिवार रुद्रपुर में रह रहा है. गिरफ्तार युवती की बड़ी बहन ने स्वीकार किया कि वो बहुत ज्यादा मोबाइल में इंगेज रहती थी और टोकने नाराज हो जाती थी. पुलिस ने युवती के पास से दो मोबाइल भी बरामद किए हैं.
'जट खालसा 7' नाम से अकाउंट बनाया: रुद्रपुर एसपी सिटी ममता बोहरा के मुताबिक, आरोपी युवती 'जट खालसा 7' नाम से अकाउंट संचालित कर रही थी, जिससे कई फोटो शेयर की गईं थीं. पुलिस के मुताबिक, युवती के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. उनके घर का खर्च भी वात्सल्य योजना से चलता है.
नेपाली दोस्त कौन?: युवती ने हाल ही में 12वीं पास की है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, उसकी कुछ दिनों पहले नेपाली लड़के Giyou से दोस्ती हुई थी. उसी ने युवती को अपना टि्वटर अकाउंट छोड़ने की बात कहकर फेक अकाउंट (doc.acct) बनाने को कहा था. साथ ही उससे उसका लॉग इन आईडी मांगा था. इसके बाद लड़की ने infinitude07 ट्विटर अकाउंट को परिवर्तित कर JATTkhalsa7 नाम से नया अकाउंट बनाया था. उसी अकाउंट के जरिए Bulli bai app पर मुस्लिम महिलाओं की फोटो डाली गई.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र के गृह एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सतेज पाटिल में 'बुली बाई' ऐप को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी.
क्या है बुली बाई ऐप मामला: पिछले कुछ दिनों से देश में बुली बाई (Bulli Bai app case) की चर्चा खूब हो रही है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर क्या है यह बुली बाई ऐप और क्यों इसे लेकर इतना बखेड़ा खड़ा हो रहा है. बुली बाई एप (Bulli Bai app) गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) या ऐप स्टोर (App Store) पर नहीं मिलता. यह गिटहब (Github) नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद है.
आसान शब्दों में कहें तो यहां मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. जब आप इस ऐप को ओपन करते हैं तो स्क्रीन पर मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) का चेहरा नजर आता है, जिसे बुली बाई नाम दिया गया है. इसमें उन मुस्लिम महिलाओं का नाम यूज किया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. इन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को प्राइसटैग (Muslim Women Bidding) के साथ साझा किया गया है.
यही नहीं, बुली बाई नाम के एक ट्विटर (Twitter) हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा था. इस हैंडल पर मुस्लिम महिलाओं को बुक करने की भी बात लिखी गई थी. हालांकि भारत सरकार (Indian Government) के दखल के बाद अब इस ऐप (App) और इस ट्विटर हैंडल (Twitter handle) को हटा दिया गया है.
गिटहब (Github) क्या है: बुली बाई ऐप गिटहब (Github) प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद था. ऐसे में यहां ये भी समझना जरूरी है कि आखिर गिटहब क्या है. गिटहब एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म (Open Source Platform) है और यह अपने यूजर्स को कोई भी ऐप क्रिएट करने और उन्हें शेयर करने का ऑप्शन देता है. आप यहां पर्सनल या प्रोफेशनल किसी भी तरह का ऐप शेयर करने के साथ ही उसे बेच भी सकते हैं.
सुल्ली डील्स की तरह बुली बाई: अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उस हिसाब से बुली बाई ऐप बिल्कुल सुल्ली डील्स (Sulli Deals) की तरह है. सुल्ली डील्स पिछले साल सुर्खियों में आया था. उसमें भी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का मिसयूज किया गया था. खास बात ये है कि सुल्ली डील्स को भी गिटहब प्लेटफॉर्म पर ही चलाया गया था. हालांकि शिकायत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की थी और एक बार फिर बुली बाई ऐप मामले में भी दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. पुलिस ने गिटहब से इसे बनाने वाले की जानकारी मांगी है. साथ ही ट्विटर से उस अकाउंट की डिटेल मांगी गई है, जिसने पहली बार इसे ट्वीट किया था.