देहरादून: रणजी ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में मुंबई ने उत्तराखंड को रिकॉर्ड बड़े अंतर से रौंद दिया. मुंबई ने ये जबरदस्त जीत खेल के चौथे दिन हासिल की. बेंगलुरु में हुए इस मुकाबले को जीतकर मुंबई ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली.
मुंबई ने क्वार्टरफाइनल में उत्तराखंड को 725 रन से हराया. यह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रनों के मामले में दर्ज की गई सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले यह रिकॉर्ड न्यू साउथ वेल्स के नाम था, जिसने 1929-30 सीजन में क्वींसलैंड को 685 रन से हराया था. 1920 21 सीजन में भी न्यू साउथ वेल्स ने साउथ ऑस्ट्रेलिया को 638 रन से हराकर एक रिकॉर्ड बनाया था. इससे पहले रणजी ट्रॉफी की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बंगाल ने हासिल की थी. उसने 1953-54 में ओडिशा को 540 रन से हराया था.
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मुंबई ने दूसरी पारी में कप्तान पृथ्वी शॉ के 72 रन और यशस्वी जायसवाल के 103 रनों की पारी के दम पर उत्तराखंड को 795 रनों का लक्ष्य दिया. उन्होंने दूसरी पारी तीन विकेट पर 261 रन बनाने के बाद घोषित की. जवाब में स्कोर बोर्ड पर एक भी रन टांगने से पहले उत्तराखंड को झटका लग गया. कमल सिंह खाता खोले बगैर पवेलियन लौट गए. उत्तराखंड के दोनों ओपनर्स शुरुआती तीन ओवर में ही आउट हो गए. टीम के टॉप छह बल्लेबाजों में सिर्फ कुणाल चंडीला ही दहाई के आंकड़े में पहुंच सके. मुंबई के लिए धवल कुलकर्णी, शम्स मुलानी और तनुश कोटियन ने 3-3 विकेट चटकाए. दूसरी पारी में उत्तराखंड की टीम सिर्फ 69 रन पर ऑल आउट हो गई.
सुवेद पारकर चुने गए प्लेयर ऑफ द मैच: मुंबई ने पहली पारी 647/8 पर घोषित की थी. इस पारी में सुवेद पारकर ने डेब्यू करते हुए जबरदस्त 252 रन बनाए थे. 21 साल के पारकर डेब्यू पर रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबले में दोहरा शतक लगाने वाले इतिहास के दूसरे खिलाड़ी बने थे. पहली पारी में सरफराज खान ने 153 रन की दमदार इनिंग खेली थी. जवाब में उत्तराखंड की पूरी टीम सिर्फ 114 रन पर पवेलियन पहुंच गई थी.