देहरादून: कोरोनाकाल में माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु के कारण अनाथ हो चुके बच्चों के लिए वात्सल्य योजना का शासनादेश जारी हो चुका है. इसके तहत मार्च 2020 के उपरांत कोरोना या अन्य बीमारियों के चलते अपने माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा के साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी.
गौरतलब है कि, शासनादेश में यह स्पष्ट किया गया है कि वात्सल्य योजना 1 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. इस अवधि में कोरोना या अन्य बीमारियों से माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु के चलते अनाथ हुए बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा. बता दें कि, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा वात्सल्य योजना प्रदेश के उन बच्चों के लिए आरंभ की गई है जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना या अन्य बीमारियों से हो गई है. इस वात्सल्य योजना से अनाथ हुए बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा.
पढ़ें: रुद्रप्रयाग में बारिश से कोहराम, नरकोटा गांव के तीन घरों में घुसा मलबा
इस योजना के तहत अनाथ हुए सभी बच्चों को सरकार की ओर से 3,000 रुपए की सहायता राशि जुलाई 2021 से प्रतिमाह जारी होने लगेगी. इसके साथ ही यह लाभ बच्चे को 21 वर्ष की आयु तक मिलेगा. वहीं शनिवार को देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने भी सभी एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों से बच्चों की लिस्ट मंगलवार तक प्रस्तुत करें. ताकि ऐसे बच्चों को योजना का लाभ दिया जा सके.