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सीएम त्रिवेंद्र ने तोड़ी 18 सालों से चली आ रही परंपरा, आंदोलनकारियों ने बताया शहीदों का अपमान

राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है. दरअसल, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि नहीं दी, जिससे नाराज आंदोलनकारी प्रदर्शन कर रहे हैं.

सीएम त्रिवेंद्र ने तोड़ी 18 सालों से चली आ रही परंपरा.
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Published : Nov 10, 2019, 5:30 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में 18 सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर राज्य आंदोलनकारियों को नाराज कर दिया है. राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे. इस बात से नाराज आंदोलनकारियों का कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र ने शहीदों का अपमान किया है, जिसे भूल पाना मुमकिन नहीं है. इसके साथ ही हफ्ते भर के राज्य स्थापना कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों के लिए कोई भी सम्मान कार्यक्रम को नहीं रखा गया है.

सीएम त्रिवेंद्र ने तोड़ी 18 सालों से चली आ रही परंपरा.

नाराज आंदोलनकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को न तो राज्य आंदोलनकारियों से कोई सरोकार है और न ही शहीदों की शहादत से. एक हफ्ते तक राज्य स्थापना का समारोह होटलों के एसी कमरों में मनाने वाली त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य के शहीदों का अपमान किया है. सीएम को कुछ इस तरह के तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड@19: उत्तराखंड संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष को नहीं मिली एंट्री, लौटे बैरंग

आंदोलनकारियों ने बताया कि पिछले 18 सालों से हर मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों को शहीद स्मारक में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी है, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस परंपरा को तोड़ दिया है. राज्य स्थापना दिवस के दिन सीएम त्रिवेंद्र ने शहीद स्मारक पहुंचना भी मुनासिब नहीं समझा. इसके साथ ही तमाम होटलों में मनाए गए स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में भी राज्य आंदोलनकारियों को न तो बुलाया गया और न ही उनका इस पूरे हफ्ते कोई सम्मान कार्यक्रम रखा गया है.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में 18 सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर राज्य आंदोलनकारियों को नाराज कर दिया है. राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे. इस बात से नाराज आंदोलनकारियों का कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र ने शहीदों का अपमान किया है, जिसे भूल पाना मुमकिन नहीं है. इसके साथ ही हफ्ते भर के राज्य स्थापना कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों के लिए कोई भी सम्मान कार्यक्रम को नहीं रखा गया है.

सीएम त्रिवेंद्र ने तोड़ी 18 सालों से चली आ रही परंपरा.

नाराज आंदोलनकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को न तो राज्य आंदोलनकारियों से कोई सरोकार है और न ही शहीदों की शहादत से. एक हफ्ते तक राज्य स्थापना का समारोह होटलों के एसी कमरों में मनाने वाली त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य के शहीदों का अपमान किया है. सीएम को कुछ इस तरह के तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है.

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आंदोलनकारियों ने बताया कि पिछले 18 सालों से हर मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों को शहीद स्मारक में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी है, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस परंपरा को तोड़ दिया है. राज्य स्थापना दिवस के दिन सीएम त्रिवेंद्र ने शहीद स्मारक पहुंचना भी मुनासिब नहीं समझा. इसके साथ ही तमाम होटलों में मनाए गए स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में भी राज्य आंदोलनकारियों को न तो बुलाया गया और न ही उनका इस पूरे हफ्ते कोई सम्मान कार्यक्रम रखा गया है.

Intro:summary- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़कर राज्य आंदोलनकारियों को नाराज कर दिया.. राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह शहीद स्मारक शहीदों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे.. आंदोलनकारी कहते हैं.. कि यह मुख्यमंत्री ने शहीदों का अपमान किया है..जिसे भूल पाना मुमकिन नही....


Body:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को न तो राज्य आंदोलनकारियों से कोई सरोकार है... और ना ही शहीदों की शहादत से.. एक हफ्ते तक राज्य स्थापना का समारोह होटलों के एसी कमरों में मनाने वाली सरकार को आंदोलनकारियों के ऐसे ही तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है.. आंदोलनकारियों का कहना है कि पिछले 18 सालों से हर मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस पर शहीदों को शहीद स्मारक में पहुंचकर श्रद्धांजलि दी... लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत इस परंपरा को तोड़ कर राज्य स्थापना दिवस के दिन शहीद स्मारक पहुंचना भी मुनासिब नहीं समझा... यही रही तमाम होटलों में मनाए गए स्थापना दिवस के कार्यक्रमों में भी राज्य आंदोलनकारियों को ना तो बुलाया गया और ना ही उनका इस पूरे हफ्ते कोई सम्मान कार्यक्रम रखा गया...

बाइट जयदीप सकलानी राज्य आंदोलनकारी

बाइट- प्रभात डंडरियाल, राज्य आंदोलनकारी

राज्य आंदोलनकारियों में बेहद ज्यादा आक्रोश है और वह मुख्यमंत्री से आप आज उन कार्यों की अवहेलना को लेकर सवाल पूछ रहे हैं यही नहीं सोशल मीडिया पर भी आंदोलनकारी मुख्यमंत्री के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं.. हरदोल का लियोन इन द गिवन मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े की है बल्कि उनके सलाहकारों को भी कटघरे में खड़ा किया है।


Conclusion:
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