देहरादून: प्रदेश में कोरोना के मामले दिनों-दिन बढ़ते जा रहे हैं. उत्तराखंड में युवा वर्ग कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. आकलन के अनुसार करीब 53 प्रतिशत युवा कोरोना से संक्रमित हुए हैं. जबकि 10 साल से कम उम्र और 70 साल से ज्यादा उम्र के वर्ग में सबसे कम संक्रमण पाया गया हैं. हालांकि सरकार सभी स्थिति पर नजर रखते हुए अब लोगों को जागरूक करने में अपना फोकस रख रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 की रोकथाम को लेकर एक समीक्षा बैठक की. बैठक में कोरोना को लेकर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोविड -19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए आने वाले कुछ माह और चुनौतीपूर्ण होंगे. इस चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए. पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना पाॅजिटिव केस कम आए हैं, लेकिन ऐसे समय में और सतर्कता बरतने की जरूरत है. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सभी जगह पूर्ण रूप से पालन हो, ताकि संक्रमण को रोका जा सकें. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की नियमित माॅनेटरिंग की जाए. इसके लिए संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए. किसी क्षेत्र में इस तरह की शिकायत आती है, तो सबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जाए. कोरोना से बचाव के लिए आम जन के व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा. कोविड के संबंध में सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से भ्रामक प्रचार करने वालों पर एफआईआर की कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड की बैठक के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह निर्देश सभी जिलाधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी. उन्होंने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विभिन्न माध्यमों से जन जागरूकता अभियान चलाया जाए. कोविड से बचाव हेतु जागरूकता के लिए प्रमुख हस्तियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के वीडियो एवं ऑडियो संदेश बनाये जाए. इससे समाज पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. कोविड से बचाव के लिए जागरूकता के लिए ऑनलाइन लेख प्रतियोगिता, कार्टून प्रतियोगिता और इस तरह की अन्य गतिविधियां की जाए. इन प्रतियोगिताओं के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार भी दिए जाए. धार्मिक स्थलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोविड से बचाव हेतु सुरक्षात्मक उपायों के लिए स्थाई होर्डिंग लगाई जाए. पर्यटक स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैंपल टेस्टिंग के लिए बूथ बनाए जाए.
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि को-मॉर्बिड एवं डायबिटीज के मरीजों को कोविड से बचाव के लिए विशेष सुरक्षात्मक उपाय भी किए जाए. हाई रिस्क लोगों की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि जो लोग एंटीजन टेस्ट में सिंप्टोमेटिक हैं, उन सबका आरटीपीसीआर या ट्रू नॉट टेस्ट हो.
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बैठक में उन्होंने कहा कि, युवाओं में कोरोना पाॅजिटिव का डर अधिक है, अनुमानित 53 फीसदी 22 साल से 40 साल तक के युवाओं में संक्रमण मिल रहे हैं. उधर 70 साल से ऊपर मात्र 1 से 2 प्रतिशत लोगों में ही संक्रमण हैं, जबकि 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों में संक्रमण का रेट करीब 4 प्रतिशत है. इम्यूनिटी बढ़ाने वाले पदार्थों के बारे में लोगों को और जागरूक करने की जरूरत है. बिजली-पानी के बिलों एवं अन्य माध्यमों से कोविड से सुरक्षात्मक उपायों एवं टोल फ्री नंबरों की जानकारी दी जाए. अगले 6 माह के लिए सभी जनपदों में कोरोना से लड़ने के लिए मैन पाॅवर की पूरी व्यवस्था हो. कोविड कंट्रोल रूम में कोई भी फोन काॅल आने पर शीघ्र रिस्पांस के लिए कंट्रोल रूम इंचार्ज की जिम्मेदारी होगी. कोविड केयर सेंटरों, कोविड के सैंपल लेने वाले अस्पतालों और कोविड से संबंधित अन्य संस्थानों में गूगल मैपिंग की व्यवस्था हो.
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पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने कहा कि थाना और चैकियों में भी कोरोना से बचाव के उपायों के होर्डिंग लगाए जा रहे हैं. पर्यटन की गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हो रही है. भीड़ प्रबंधन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो, इसके लिए सुनियोजित रणनीति बनाई जायेगी.
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सचिव आयुष डी सेंथिल पांडियन ने कहा कि मेडिकल कंट्रोल रूमों में आयुष के अलग डेस्क बनाये जा रहे हैं. विभाग द्वारा प्री कोविड और पोस्ट कोविड इम्यूनिटी बढ़ाने के उपायों पर पूरी जानकारी दी जा रही है. आयुष रक्षा किट वितरित किए जा रहे हैं. साथ ही आयुष विभाग द्वारा काॅल सेंटर के माध्यम से कोविड के मरीजों को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आवश्यक जानकारी दी जा रही है.