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चारधाम के कपाट बंद, इस सीजन में तीर्थयात्रियों ने रचा नया कीर्तिमान

इस यात्रा सीजन में कुल 32 लाख 40 हजार 882 तीर्थयात्रियों ने चारोंधाम में दर्शन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

इस सीजन में तीर्थयात्रियों ने रचा नया कीर्तिमान.
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Published : Nov 19, 2019, 10:35 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 10:22 AM IST

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 6 महीने तक शीताकाल के लिए बंद हो गए हैं. इस यात्रा सीजन से उत्तराखंड सरकार काफी उत्साहित नजर आ रही है. क्योंकि इस बार चारों धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. इस यात्रा सीजन में कुल 32 लाख 40 हजार 882 तीर्थयात्रियों ने चारोंधाम में दर्शन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. हालांकि, इस दौरान कुछ खामियां भी देखने को मिली है, जिन्हें सुधारने के लिए सरकार और शासन में अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं.

चारधाम यात्रा ने रचा कीर्तिमान

सबसे पहले उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा और यमुना का उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुना के कपाट 7 मई अक्षय तृतीया के दिन खुले थे, जो 29 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद हुए. इसके बाद रुद्रप्रयाग जिले में स्थित बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 9 मई को खुले थे, जो 29 अक्टूबर भैयादूज पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. आखिर में 10 मई को भगवान बदरी विशाल के कपाट खुले थे. जिनके कपाट 17 नवंबर को बंद हुए थे.

चारधाम पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या

यमुनोत्री धाम 4,65,534
गंगोत्री धाम 5,30,334
केदारनाथ धाम 10,000,21
बदरीनाथ 12,449,93

इस सीजन तमाम वीआईपी पहुंचे चारधाम
इस बार के यात्रा सीजन में वीवीआई की बात करते तो सबसे पहले 18 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. यहां उन्होंने धाम में स्थित ध्यानगुफा में रात भी बिताई थी. इसके साथ ही अगले दिन 19 मई को पीएम मोदी बदरीनाथ गए थे, जहां उन्होंने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए थे.

पढ़ें- केदारधाम में सहेजकर रखी जाएंगी पुरातात्विक महत्व की शिव प्रतिमाएं, बनेगा ओपन एयर म्यूजियम

पीएम मोदी के अलावा महाराष्ट्र के राजयपाल भगत सिंह कोश्यारी, थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत, उद्योग पति मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई बड़े नेताओं को उघोगपतियों ने चारधाम के दर्शन किए थे.

इस बार 91 लोगों की मौत हुई
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर शासन-प्रशासन और सरकार जो दावे किए थे. उनमें काफी हदतक कमी देखी गई थी. क्योंकि इस यात्रा सीजन में करीब 91 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक समेत कई अन्य कारणों से मौत हुई. इस यात्रा सीजन में 10 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे. जिसमें से 55 श्रद्धालुओं की मौत हुई. वहीं, यमुनोत्री धाम में 17, गंगोत्री और बदरीनाथ में छह-छह श्रद्धालुओं की मौत हुई.

पढ़ें- खुशखबरी! चारों धामों के कपाट बंद होने पर भी अब कर पाएंगे अपने आराध्य के दर्शन

चारधाम की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए हर महीने होगी बैठक
इस साल की चारधाम यात्रा से प्रशासन ने सबक लिया है. यही वजह है कि सरकारी तंत्र आगामी सीजन से ठीक पहले की जाने वाली यात्रा व्यवस्थाओं को अभी से ही दुरुस्त करने की कवायद में जुट जाएगा. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. जिसका हर महीने बैठक होगी. बैठक में व्यवस्थाओं के कमियों को दूर करने पर मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा. ताकि इस बार तीर्थयात्रियों को जिस तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ा है वो उन्हें अगली बार हो.

समय से होगा हेलीकॉप्टर का टेंडर
इस बार भी हेलीकॉप्टर सेवा में तमाम खामियां देखने को मिली थी. इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग आगामी यात्रा सीजन के लिए समय से ही टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की बात कह रहा है और टेंडर की समय सीमा बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है.

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 6 महीने तक शीताकाल के लिए बंद हो गए हैं. इस यात्रा सीजन से उत्तराखंड सरकार काफी उत्साहित नजर आ रही है. क्योंकि इस बार चारों धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है. इस यात्रा सीजन में कुल 32 लाख 40 हजार 882 तीर्थयात्रियों ने चारोंधाम में दर्शन कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. हालांकि, इस दौरान कुछ खामियां भी देखने को मिली है, जिन्हें सुधारने के लिए सरकार और शासन में अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं.

चारधाम यात्रा ने रचा कीर्तिमान

सबसे पहले उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा और यमुना का उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुना के कपाट 7 मई अक्षय तृतीया के दिन खुले थे, जो 29 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद हुए. इसके बाद रुद्रप्रयाग जिले में स्थित बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 9 मई को खुले थे, जो 29 अक्टूबर भैयादूज पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए थे. आखिर में 10 मई को भगवान बदरी विशाल के कपाट खुले थे. जिनके कपाट 17 नवंबर को बंद हुए थे.

चारधाम पहुंचे तीर्थयात्रियों की संख्या

यमुनोत्री धाम 4,65,534
गंगोत्री धाम 5,30,334
केदारनाथ धाम 10,000,21
बदरीनाथ 12,449,93

इस सीजन तमाम वीआईपी पहुंचे चारधाम
इस बार के यात्रा सीजन में वीवीआई की बात करते तो सबसे पहले 18 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. यहां उन्होंने धाम में स्थित ध्यानगुफा में रात भी बिताई थी. इसके साथ ही अगले दिन 19 मई को पीएम मोदी बदरीनाथ गए थे, जहां उन्होंने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए थे.

पढ़ें- केदारधाम में सहेजकर रखी जाएंगी पुरातात्विक महत्व की शिव प्रतिमाएं, बनेगा ओपन एयर म्यूजियम

पीएम मोदी के अलावा महाराष्ट्र के राजयपाल भगत सिंह कोश्यारी, थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत, उद्योग पति मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई बड़े नेताओं को उघोगपतियों ने चारधाम के दर्शन किए थे.

इस बार 91 लोगों की मौत हुई
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर शासन-प्रशासन और सरकार जो दावे किए थे. उनमें काफी हदतक कमी देखी गई थी. क्योंकि इस यात्रा सीजन में करीब 91 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक समेत कई अन्य कारणों से मौत हुई. इस यात्रा सीजन में 10 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे. जिसमें से 55 श्रद्धालुओं की मौत हुई. वहीं, यमुनोत्री धाम में 17, गंगोत्री और बदरीनाथ में छह-छह श्रद्धालुओं की मौत हुई.

पढ़ें- खुशखबरी! चारों धामों के कपाट बंद होने पर भी अब कर पाएंगे अपने आराध्य के दर्शन

चारधाम की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए हर महीने होगी बैठक
इस साल की चारधाम यात्रा से प्रशासन ने सबक लिया है. यही वजह है कि सरकारी तंत्र आगामी सीजन से ठीक पहले की जाने वाली यात्रा व्यवस्थाओं को अभी से ही दुरुस्त करने की कवायद में जुट जाएगा. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. जिसका हर महीने बैठक होगी. बैठक में व्यवस्थाओं के कमियों को दूर करने पर मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा. ताकि इस बार तीर्थयात्रियों को जिस तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ा है वो उन्हें अगली बार हो.

समय से होगा हेलीकॉप्टर का टेंडर
इस बार भी हेलीकॉप्टर सेवा में तमाम खामियां देखने को मिली थी. इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग आगामी यात्रा सीजन के लिए समय से ही टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की बात कह रहा है और टेंडर की समय सीमा बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गयी है.............. 
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देवभूमि उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट आगामी 6 महीने यानी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए है। हालांकि इस यात्रा सीजन चारधाम की यात्रा पर देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है और कुल 32,40,882 की संख्या में पहुंचकर यात्रियों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आखिर कैसा रहा चारधाम यात्रा और यात्रा के दौरान किन व्यवस्थाओं की कमी रही? कौन-कौन वीआईपी ने इस सीजन में पहुचे चारधाम? चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को अगले सीजन और बेहतर बनाने के लिए क्या कुछ सीखा शासन ने? देखिये ईटीवी की इस स्पेशल रिपोर्ट में...........   




Body:उत्तराखंड में स्तिथ चारों धामों को बहुत पवित्र माना जाता है। और हिन्दुओं में चारों धामो की यात्रा करना काफी महत्व है। माना जाता है कि इन चारधामों की यात्रा करने मात्र से श्रद्धालुओ के समस्त पाप धुल जाते हैं, और आत्मा को जीवन-मृत्यु के इस बंधन से मुक्ति मिल जाती है। प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुना नही के उद्गम स्थल को यमुनोत्री स्तिथ है और इन दोनों धामो के कपाट 7 मई को अक्षय तृतीया के दिन खुल रहे है। कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा भी शुरू हो जाती है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भोले बाबा का पवित्र धाम केदारनाथ स्थित है। जिनके कपाट 9 मई को खुल रहे है। इसके साथ ही उत्तराखंड के चमोली जिले में भगवान बद्री विशाल का पवित्र स्थल बद्रीनाथ स्तिथ है। जिनके कपाट 10 मई को खुल रहे है। 

 

यमुनोत्री धाम:- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्तिथ पवित्र यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 7 मई को खोले गए थे। और 6 महीने के बाद 29 अक्टूबर को भैयादूज के दिन यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां यमुना जी की देवडोली का शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में होता है। यमुनोत्री मंदिर का निर्माण, यमुना नदी के उद्गम स्थल के पास 19वी शताब्दी में किया गया था, जहाँ देवी यमुना की पूजा की जाती है। लोगो का मानना है कि टिहरी-गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह ने 19 वी सदी में बनवाया था। और मौसम की मार के कारण पुराने मंदिर के क्षतिग्रस्त होने के कारण मौजूदा मंदिर का निर्माण किया गया था। हालांकि इस यात्रा सीजन मे यमुनोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। और इस बार कुल 4,65,534 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम के दर्शन किये। 


गंगोत्री धाम:- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में जीवनदायिनी गंगा नदी के उद्गम स्थल गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 7 मई को खोले गए थे। और 6 महीने के बाद 28 अक्टूबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के बंद हो गए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पतित पावनी मां गंगा की डोली, गंगोत्री का मायके कहे जाने वाले मुखबा गांव में शीतकाल के लिए प्रवास करेंगी। गंगा को धरती पर लाने का श्रेय राजा भगीरथ को जाता है। यही नहीं कुमाऊँ-गढ़वाल पर साल 1790 से 1815 तक गोरखा समुदाय के लोगो ने राज किया था और इसी दौरान गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने गंगोत्री मंदिर का निर्माण करवाया था। हालांकि इस यात्रा सीजन में  गंगोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। और इस बार कुल 5,30,334 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये। 


केदारनाथ धाम:- उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्तिथ भोले बाबा का पवित्र धाम केदारनाथ, जिनके कपाट 9 मई को खोले गए थे। और 6 महीने के बाद 29 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट परंपरानुसार भैयादूज पर सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विश्व विख्यात देवों के देव महादेव की देवडोली शीतकाल के दौरान उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में प्रवास करेगी। केदारनाथ धाम का वर्णन महाभारत में भी है। महाभारत युद्ध के बाद पांचो पांडवो ने केदारनाथ में भगवान शंकर की पूजा की थी। और स्कन्द पूरा के अनुसार गढ़वाल को केदारखंड कहा गया है। हालांकि इस यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। और इस बार कुल 10,000,21 श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे।


बदरीनाथ धाम:- उत्तराखंड के चमोली जिले में स्तिथ भगवान बद्री विशाल का पवित्र स्थल, जिनके कपाट 10 मई को खोले गए थे। और 6 महीने के बाद 17 नवम्बर को भगवान बद्री विशाल के कपाट विजयदशमी के पावन पर्व पर शाम 5:13 बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भू-बैकुंठ कहे जाने वाले श्री हरि विष्णु जी की देवडोली शीतकाल के दौरान पांडुकेश्वर स्तिथ योग ध्यान बद्री मंदिर में प्रवास करेगी। बद्रीनाथ धाम का वर्णन स्कंद पुराण और विष्णु पुराण में है। जहा बद्री विशाल (विष्णु) की पूजा की जाती हैं। और माना जाता है कि 8वी-9वी शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य ने बद्रीनाथ मंदिर को बनवाया था। लेकिन वैदिक काल मे भी बद्रीनाथ मंदिर के मौजूद होने का वर्णन पुराणों में हैं। हालांकि इस यात्रा सीजन में बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। और इस बार कुल 12,44,993 श्रद्धालुओं ने भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने पहुंचे। 


इस सीजन तमाम वीआईपी पहुंचे चारधाम...........

उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के शुरुवाती दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 मई को केदारपुरी पहुंचे थे। जहा उन्होंने केदारनाथ धाम में स्थित ध्यानगुफा में रात भी बिताया था। इसके साथ ही अगले दिन 19 मई को प्रधानमंत्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने भी गए थे। यही नहीं महाराष्ट्र के राजयपाल भगत सिंह कोश्यारी, थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत, उद्योग पति मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश  इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री समेत तमाम कद्दावर नेताओ ने दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया। 


स्वास्थ्य कारणों से करीब 91 यात्रियों की हुई मौत.......

उत्तराखंड की चारधाम यात्रा बेहतर ढंग से तो सम्पन्न हो गयी है। लेकिन चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कमी जरूर देखने को मिली। क्योकि इस यात्रा सीजन में करीब 91 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक समेत कई अन्य कारणों से मौत हुई। इस यात्रा सीजन में 10 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुचे जिसमे से 55 श्रद्धालुओं की मौत हुई। वही यमुनोत्री धाम के दर्शन करने आये 17 यात्रियों, गंगोत्री और बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने आये 6-6 श्रद्धालुओं की मौत हुई।


चारधाम की बेहतर व्यवस्थाओं के लिए हर महीने होगी बैठक.....

इस साल की चारधाम यात्रा से प्रशासन ने सबक लिया है यही वजह है कि सरकारी तंत्र आगामी चारधाम यात्रा सीजन से ठीक पहले की जाने वाली यात्रा व्यवस्थाओं को अभी से ही दुरुस्त करने की कवायद में जुट जाएगा। ताकि यात्रा को बेहतर करने के लिए मोनेटरिंग की जा सके। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि यात्रा को सुखद बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हर महीने बैठक कर व्यवस्थाओं के कमियों को दूर करने पर मुख्य रुप से फोकस किया जाएगा। जिससे यात्रियों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही यात्रियों को और बेहतर व्यवस्थायें मिल पाएगी। 


हेलीकॉप्टर की व्यवस्था के लिए पहले ही शुरू होगी टेंडरिंग प्रक्रिया.....

यह नहीं इस सीजन चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था को देखते हुए हेलीकॉप्टर लगाए गए थे जिसके लिए ऑनलाइन टिकटिंग की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इस व्यवस्था में आए तमाम खामियों को देखते हुए पर्यटन महकमे ने आगामी चारधाम यात्रा में पहले से ही टेंडर प्रक्रिया करने की बात कह रहा है। वही पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार हेलीकॉप्टर की टेंडरिंग प्रक्रिया को 1 साल से बढ़ाकर ज्यादा समय के लिए टेंडर करने पर विचार किया जा रहा है। ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो। 


Conclusion:चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या....

यमुनोत्री धाम - 4,65,534
गंगोत्री धाम - 5,30,334
केदारनाथ धाम - 10,000,21
बद्रीनाथ धाम - 12,449,93

इस सीजन की चारधाम यात्रा तो सम्पन्न हो गयी है और इस यात्रा सीजन में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किये। लेकिन अब चारधाम के इस सीजन की यात्रा संम्पन होने के बाद शासन स्तर पर अभी से आगामी चारधाम की यात्रा तैयारियां शुरू होने जा रही है। ऐसे में अब देखना होगा की शासन स्तर पर अभी से शुरू किये जा रहे तैयारियों के वादे कब से शुरू होंगे। और आगामी चारधाम यात्रा में यात्रियों को कितना बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो पाएंगी।   


Last Updated : Nov 20, 2019, 10:22 AM IST
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