देहरादून: कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन के कारण देश में कई लोग अपने घर से दूर दूसरी जगहों पर फंस गए हैं. इनमें प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक और छात्र शामिल हैं. लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोग घर वापसी के लिए बेचैन हैं. उत्तराखंड सरकार के मुताबिक 1 लाख 20 हजार लोगों ने अब तक वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. ये आंकड़ा हर सेकंड बढ़ता जा रहा है.
निजी गाड़ियों से आ सकते हैं प्रदेश
उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित नोडल अधिकारियों की टीम लोगों की घर वापसी कराने में जुटी हुई है. टीम की कोशिश है कि दूसरे राज्यों में फंसे लोग सकुशल अपनी निजी गाड़ियों से भी प्रदेश वापस आ सकते हैं. इसके लिए उनको तय नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. इस सुविधा को अमली जामा पहनाने के लिए उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी दूसरे राज्यों के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं.
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नोडल अधिकारी संजय गुंज्याल के मुताबिक सबसे पहले राजस्थान और हरियाणा से उत्तराखंड प्रवासी पहुंचेंगे. शनिवार रात तक बड़ी संख्या में राजस्थान में रहने वाले उत्तराखंड के लोग वापस आ जाएंगे. 2 हजार 900 लोगों को 90 से अधिक रोडवेज की बसों के जरिए लाया जा रहा है. इसके साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को लाने का प्रयास भी जारी है.
12 विशेष ट्रेनों के जरिए आएंगे लोग
अधिकारियों के मुताबिक हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे नजदीक वाले राज्यों से बसों के जरिए लोगों को घर पहुंचाया जाएगा. नॉर्थ ईस्ट, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा और गोवा जैसे अन्य राज्य लोगों को लाने के लिए केंद्र द्वारा चलाई जा रही 12 स्पेशल ट्रेनों का सहारा लिया जाएगा.
एसडीआरएफ मेडिकल टीम कर रही प्रशिक्षित
आईजी संजय गुंज्याल के मुताबिक उत्तर भारत के राज्यों से लाने के लिए SOP और SDRF की मेडिकल टीम वहां तैनात है. ऐसे में घर वापसी आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग, मेडिकल चेकअप और खाने-पीने के साथ-साथ मास्क और सैनेटाइजर की सुविधा दी जा रही है. साथ ही वापस लौटने वाले लोगों का डेटा भी सरकार तैयार कर रही है.
नोडल अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि लगभग 450 मेडिकल प्रशिक्षित SDRF के जवान अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं. सभी जरूरी औपचारिकता पूरी होने के बाद ही लोगों को रवाना किया जा रहा है.